विज्ञापन
This Article is From Oct 05, 2017

सफलता के लिए क्या-क्या किया, पढ़िए स्टीव जॉब्स की 3 Success Story

स्टीव की मौत 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक केंसर की वजह से हुई थी. उनसे जुड़ी कई ऐसी कहानियां है जो किसी भी इंसान को प्रेरित कर सकती है.

सफलता के लिए क्या-क्या किया, पढ़िए स्टीव जॉब्स की 3 Success Story
आईफोन लॉन्चिंग के दौरान स्टीव जॉब्स टिम कुक के साथ.
नई दिल्ली: 5 अक्टूबर को स्टीव जॉब्स की डेथ एनिवर्सरी है. दुनिया भर में अपने नाम का डंका बजवाने वाले स्टीव की मौत 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक केंसर की वजह से हुई थी.  उनसे जुड़ी कई ऐसी कहानियां है जो किसी भी इंसान को प्रेरित कर सकती है. हम आपको उसने जुड़ी कुछ ऐसी ही 3 कहानी बता रहे हैं, जो उन्होंने 12 जून 2005 को स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में स्टूडेंट्स से शेयर की थीं.

पढ़ें- जानिए मरते वक्त क्या थे स्टीव जॉब्स के आखिरी शब्द, इसलिए हुई थी मौत​
 
steve jobs
 
कहानी नंबर-1

स्टीव जॉब्स ने अपनी पहली कहानी इस तरह सुनाई थी. उन्होंने बताया, मुझे कॉलेज से निकाल दिया गया था, लेकिन ऐसा क्यों हुआ, इसे बताने से पहले मैं अपने जन्म की कहानी सुनाता हूं. मेरी मां कॉलेज छात्रा थीं और अविवाहित थी. उसने सोचा कि वह मुझे किसी ऐसे दंपत्ति को गोद देगी, जो ग्रैजुएट हो. मेरे जन्म से पहले यह तय हो गया था कि मुझे एक लॉयर और उसकी पत्नी गोद लेंगे, लेकिन उन्हें बेटा नहीं बेटी चाहिए थी. जब मेरा जन्म हुआ तो मुझे गोद लेने वाले पैरेंट्स को बताया गया कि बेटा हुआ है, क्या वह मुझे गोद लेना चाहते हैं, वे तैयार हो गए.

पढ़ें- स्टीव जॉब्स का भारत से खास नाता, उत्तराखंड में सेब खाकर बिताए थे 15 दिन
  
हालांकि, मेरी मां को जब पता चला कि जो पैरेंट्स मुझे गोद ले रहे हैं, वे ग्रैजुएट नहीं है, तो उन्होंने मुझे देने से मना कर दिया. कुछ महीनों बाद मेरी मां उस समय नरम पड़ी, जब मुझे गोद लेने वाले पैरेंट्स ने यह वादा किया कि वह मुझे कॉलेज भेजेंगे. 17 साल की उम्र में मुझे कॉलेज में दाखिला मिला. पढ़ाई के दौरान मुझे लगा कि मेरे माता-पिता की सारी कमाई मेरी पढ़ाई में ही खर्च हो रही है. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं अपने जीवन में क्या करूंगा. आखिरकार मैंने कॉलेज से ड्रॉप लेने का फैसला किया और सोचा कि कोई काम करूंगा. उस समय यह निर्णय शायद सही नहीं था, लेकिन आज जब मैं पीछे देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरा निर्णय सही था.
 
steve jobs

कहानी नंबर-2

मैं इस मामले में बहुत लकी रहा कि मैंने जीवन में जो करना चाहा, मैंने किया. Woz और मैंने मिलकर गैरेज में एप्पल की शुरुआत की. इस समय मेरी उम्र 20 साल थी. हमने खूब मेहनत की और 10 सालों में एप्पल ने ऊंचाइयां छू ली. एक गैरेज में दो लोगों से शुरू हुई कंपनी 2 बिलियन लोगों तक पहुंच गई और इसमें 4000 कर्मचारी काम करने लगे. हमने अपना सबसे बेहतरीन क्रिएशन Macintosh को रिलीज किया. जैसे-जैसे कंपनी आगे बढ़ी, हमने एक प्रतिभाशाली व्यक्ति को कंपनी संभालने के लिए चुना. पहले साल तो कंपनी ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन भविष्य को लेकर हमारा जो विजन था, वो फेल हो गया. मैं जब 30 साल का था, तो मुझे कंपनी से निकाल दिया गया.

पढ़ें- स्टीव जॉब्स की वो बातें जो आपकी सोच बदल देगी​
 
steve jobs tim cook

कहानी नंबर-3
जब मैं 17 साल का था, तो मैंने एक कोटेशन पढ़ा था, जो कुछ ऐसा था, आप हर दिन यह सोचकर जियो कि आज आखिरी दिन है, तो एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब आखिर दिन भी आएगा. इस लाइन ने मुझे बहुत प्रभावित किया. 33 सालों में मैं रोज सुबह आइने में अपना चेहरा देखता हूं और यही सोचता हूं यदि आज मेरा आखिरी दिन है, तो मुझे वो करना चाहिए जो मैं चाहता हूं. कई दिनों तक मुजे अपने सवाल का जवाब मिला. मैं जल्द मर जाऊंगा, यह मुझे जीवन में और ज्यादा काम करने की प्रेरणा देती है. कुछ सालों पहले ही मुझे कैंसर का पता चला. 

डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं तीन से छह घंटे ही जीवित रह पाऊंगा. मुझे कहा कि मैं परिवार वालों को अपनी बीमारी और अपने काम के बारे में बता दूं. मैंने अपना इलाज करवाया, सर्जरी हुई. अब मैं बिलकुल ठीक हूं. मैंने बहुत ही नजदीक से मौत को देखा. कोई भी मरना नहीं चाहता, लेकिन मौत एक सच्चाई है, जिसका सामना सभी को करना है. हम सभी के पास कम समय है, इसलिए किसी की बात सुनने की बजाय, अपने अंद की आवाज सुनो और जो आवाज आती है, उसे मानो और आगे बढ़ो.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
TET Exam 2024: महाराष्ट्र में प्राथमिक शिक्षकों के लिए TET परीक्षा अनिवार्य, यह नियम अनुकंपा पर नियुक्त टीचरों पर लागू होगी
सफलता के लिए क्या-क्या किया, पढ़िए स्टीव जॉब्स की 3 Success Story
IP University Admission 2024: आईपी यूनिवर्सिटी में फॉर्मेसी के नए पाठ्यक्रम को मंजूरी,  डी फॉर्मा के 60 और बी फॉर्मा की 100 सीटें
Next Article
IP University Admission 2024: आईपी यूनिवर्सिटी में फॉर्मेसी के नए पाठ्यक्रम को मंजूरी,  डी फॉर्मा के 60 और बी फॉर्मा की 100 सीटें
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com