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दो साल में 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा भारत : विश्वबैंक

विश्वबैंक के अनुसार, भारत के बढ़ते चालू खाते के घाटे के वित्त पोषण के लिए पूर्व के मुकाबले विदेशी निवेश प्रवाह पर बड़े पैमाने पर निर्भरता से निवेशक धारणा के प्रभावित होने का जोखिम बढ़ा है।
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NDTV Profit हिंदी11:43 AM IST, 14 Jun 2013NDTV Profit हिंदी
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विश्व बैंक ने अगले दो वित्त वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक का कहना है कि निर्यात और निजी निवेश बढ़ने से आर्थिक वृद्धि दर बढ़ेगी।

‘वैश्विक आर्थिक संभावना’ शीषर्क से अपनी ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय वृद्धि को गति मुख्य रूप से भारत से मिलने की संभावना है। रिपोर्ट में भारत की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2014 में 6.5 तथा 2015 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2013-15 की अवधि में निर्यात और निजी निवेश मजबूत होने का अनुमान है। इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। वर्ष 2012 में इन दोनों क्षेत्रों में नरमी थी। हालांकि यह पुनरद्धार कितना मजबूत होता है यह नीतियों तथा राजकोषीय स्थिति में सुधार की गति पर निर्भर है।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मांग में अनुमान से कहीं अधिक वृद्धि तथा जिंसों के दाम में उम्मीद से कहीं अधिक गिरावट जैसे कारणों से परिदृश्य में सुधार की संभावना है।

विश्वबैंक के अनुसार, भारत के बढ़ते चालू खाते के घाटे के वित्त पोषण के लिए पूर्व के मुकाबले विदेशी निवेश प्रवाह पर बड़े पैमाने पर निर्भरता से निवेशक धारणा के प्रभावित होने का जोखिम बढ़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, कई कारक हैं, जिससे निवेश प्रवाह धीमा होने या उसमें बदलाव का जोखिम हो सकता है। इन कारकों में कुछ उच्च आय वाले देशों में मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने तथा भू-राजनीतिक तनाव के जोखिम शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मई में विनिर्माण क्षेत्र में कारोबारी धारणा चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसमें कहा गया है कि यदि कारोबारी धारणा इसी तरह कमजोर बनी रहती है, तो इससे निवेश और वृद्धि बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

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