करीब 10 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता महत्वाकांक्षी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांरण (डीबीटी) योजना में शामिल हो गए हैं। इसमें उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में नकद सब्सिडी मिलेगी। इस तरह यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बन गई है। इससे कालाबाजारी को रोकने में भी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्य को दो माह में हासिल करने के लिए लाभार्थियों व अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना से कालाबाजारी बंद होगी और सब्सिडी अधिक प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचेगी। राष्ट्र निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मोदी ने ट्विट किया, ‘‘मुझे यह जानकार काफी हर्ष हो रहा है कि 10 करोड़ से अधिक नागरिकों ने 'पहल' योजना के तहत पंजीकरण कराया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।’’
उन्होंने कहा कि इससे पहल योजना दुनिया की सबसे बड़ी नकदी हस्तांतरण योजनाओं में आ गई है।
एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को पहल का नया नाम दिया गया है। इसके दायरे में लगभग 16 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं में से 65 प्रतिशत आते हैं। इस योजना ने चीन, मेक्सिको तथा ब्राजील जैसे देशों में इसी तरह के कार्यक्रमों को पीछे छोड़ दिया है। उन देशों में लाभार्थियों की अधिकतम संख्या 2.2 करोड़ से अधिक नहीं हो पाई है।