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योजना आयोग की जगह बनने वाले नए निकाय में राज्यों की बड़ी भूमिका होनी चाहिए : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना आयोग की जगह गठित किए जाने वाले नए निकाय में राज्यों की निश्चित रूप से बड़ी भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति नियोजन की प्रक्रिया बदलने और इसे 'ऊपर से नीचे की बजाए, नीचे से ऊपर की प्रक्रिया' बनाने की जरूरत है।
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NDTV Profit हिंदी06:05 PM IST, 07 Dec 2014NDTV Profit हिंदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बेहद अहम बैठक की। इस बैठक में हाल ही में खत्म किए गए योजना आयोग की जगह एक नई संस्था के ढांचे के बारे में चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना आयोग की जगह गठित किए जाने वाले नए निकाय में राज्यों की निश्चित रूप से बड़ी भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति नियोजन की प्रक्रिया बदलने और इसे 'ऊपर से नीचे की बजाए, नीचे से ऊपर की प्रक्रिया' बनाने की जरूरत है।

मोदी ने योजना आयोग की जगह प्रस्तावित नए निकाय के स्वरूप पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक में जोर देकर कहा कि राज्यों के विकास के बगैर देश का विकास असंभव है।

बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरूण जेटली और करीब-करीब सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल नहीं हुए।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि योजना आयोग की जगह बनने वाले नए संस्थान में निश्चित रूप से 'टीम इंडिया' की धारणा को शामिल होना चाहिए। प्रधानमंत्री के अनुसार यह तीन टीमों--प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्री परिषद तथा केंद्र एवं राज्यों की नौकरशाही--की एक मिलीजुली टीम है।

नए निकाय में राज्यों के अहम रोल पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'कभी-कभी राज्य यह महसूस करते हैं कि उनके विचारों को अभिव्यक्त करने का कोई मंच नहीं है.. अंतर-राज्यीय विवादों के समाधान के लिए एक प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए।'

प्रधानमंत्री ने पूछा, 'क्या हम नई व्यवस्था तैयार कर सकते हैं जो भारत की शक्तियों के अनुसार योजना बना सके, राज्यों को सशक्त कर सके और सरकार के बहार होने वाली आर्थिक गतिविधियों समेत सभी आर्थिक गतिविधियों को समाहित कर से सके।' बाद में मोदी ने बैठक को 'उपयोगी' बताया और कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों ने उल्लेखनीय सुझाव दिए।

लंबे समय तक योजना आयोग के साथ जुड़े रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि सिंह ने खुद यह कहा था कि आर्थिक सुधारों के लागू होने के बाद के दौर के लिए योजना आयेाग के पास कोई भविष्योन्मुख दृष्टि नहीं है।

प्रधानमंत्री के अनुसार मनमोहन सिंह यह भी चाहते थे कि योजना आयोग मौजूदा स्थिति में ज्यादा प्रभावी और प्रासंगिक बने रहने के लिए खुद को नया रूप में ढाले।

वहीं केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने योजना आयोग के भविष्य पर आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि 3-4 राज्यों के छोड़कर बाकी सभी राज्य योजना आयोग के बदले जाने के पक्ष में हैं। जेटली ने कहा कि अधिकतर राज्य संघवाद को मजबूत करने के पक्ष हैं और सभी का मानना है कि राज्यों को और अधिकार दिए जाएं। उनका कहना है कि कई राज्यों का कहना है कि एक ही योजना सभी राज्यों के मुफीद नहीं होती, इसलिए राज्यों के साथ सलाह के बाद ही इस प्रकार की योजना को राज्यों में लागू किया जाए।

जेटली ने बताया कि बैठक में न आने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अपनी सरकार की बात कही है। जेटली ने बताया कि ममता ने अपने पत्र में राज्यों को मजबूत करने, विकेंद्रीयकरण, वैकल्पित ढांचे मजबूत बनाए जाने की बात कही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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