देश में कानून बनाने का अधिकार संसद को है और संसद अपने सांसदों के दम पर यह काम करती है. लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सांसद जनता द्वारा चुने जाते हैं और इस प्रकार जनता अपने लिए कानून बनाती है. सांसदों का काम जनता की सेवा करना है और अकसर समाजसेवा में कुछ मिलता नहीं है. केवल समाज की सेवा और समाज का मार्गदर्शन ही उनका काम रहा है. लेकिन सांसदों को कई बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और ऐसे में संसद ने सांसदों का वेतन और जरूरत के हिसाब से भत्ते तय किए.
आइए जानते हैं सांसदों को कितना वेतन और भत्ता मिलता है