Sovereign Green Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) आपको 26 जनवरी 2023 से पहले ही ग्रीन बॉन्ड खरीदने का मौका दे रहा है. BQ Prime की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई (RBI) आज यानी बुधवार, 25 दिसंबर 2023 को देश में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bond) की पहली किस्त जारी करने जा रहा है. पांच साल और 10 साल की मैच्योरिटी पीरिएड वाले 8,000 करोड़ रुपये के देश के पहले ग्रीन बॉन्ड (Green Bond) को दो चरणों में जारी किया जाएगा. जिसमें प्रत्येक सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड 4,000 करोड़ रुपये का होगा. आरबीआई इन ग्रीन बॉन्ड के लिए नीलामी आयोजित करेगा.
इसको लेकर BQ Prime ने एक्सपर्ट के साथ बातचीत की है. जिसके मुताबिक, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक घरेलू और विदेशी निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. लेकिन स्थानीय निवेशकों जैसे इंश्योरेंस कंपनियों और बैंकों की मांग को देखते हुए ग्रीन बॉन्ड की पहली किस्त जारी किए जाने की संभावना है.
एक निजी बैंक के अधिकारी ने बीक्यू प्राइम से नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि, भारत में ग्रीन बांड के साथ कोई इन्वेस्टमेंट फंड नहीं है. लेकिन विदेशी निवेशकों को सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की पहली किस्त जारी होने का इंतजार है. इस दौरान विदेशी निवेशक ग्रीन बॉन्ड की नीलामी पर नजर बनाए रख सकते हैं. बैंक के अधिकारी का मानना है कि कुछ विदेशी निवेशक इस बात के लिए आश्वस्त होना चाहते हैं कि क्या इस तरह के बॉन्ड के लिए कोई बेहतर सेकेंडरी मार्केट डिवेलप होता है या नहीं.
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने 13 जनवरी को एक सर्कुलर जारी किया. जिसके मुताबिक, RBI ने इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट के रूप में इंश्योरेंस कंपनियों को सावरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत निवेश की अनुमति दी है. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों को यह अनुमति दी है कि वे इन सरकारी ग्रीन बोर्ड को मैंडेटरी होल्डिंग्स के तौर पर समझें. इसके साथ ही इस ग्रीन बॉन्ड में विदेशी निवेशकों के लिए निवेश पर कैप नहीं लगेगा.
केंद्र सरकार ने Budget 2022-23 में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bond) लाने की बात कही थी. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने के पीछे सराकार का मकसद ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है. वहीं, 9 नवंबर को ग्रीन बॉन्ड को लेकर फ्रेमवर्क जारी किया गया. जिसके मुताबिक, इस बॉन्ड से जुटाए जाने वाले फंड का इस्तेमाल देश में कम कार्बन उत्सर्जन वाले प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट में खर्च किया जाएगा.