नरेंद्र मोदी सरकार ने यह पहल आरंभ कर दी है कि भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार को ज्यादा से ज्यादा स्वीकृति मिले और भारत की डॉलर पर निर्भरता कम हो. ऐसे में पिछले कुछ समय में भारत सरकार ने कई देशों के साथ इस बारे में बात करके और समझौता कर भारतीय रुपये में कारोबार आरंभ करने की पहल भी की है. वर्तमान में करीब 18 देशों के साथ इस बारे काम शुरू हो चुका है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से उद्योग को लेनदेन लागत कम करने में मदद मिलेगी और कई देश इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से बात कर रहे हैं.
आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने पिछले साल बैंकों और उद्योग मंडलों के शीर्ष प्रबंधन से आयात और निर्यात का लेनदेन रुपये में करने के लिए कहा था. डॉलर की जगह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार शुरू करने के लिए जरूरी रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने को लेकर वे भारतीय बैंकों को विदेशों में उनके समकक्ष बैंकों से जोड़ना चाहते हैं.
गोयल ने कहा कि आज कई देश यह समझ रहे हैं कि व्यापार के लिए मुद्रा में बदलाव की जरूरत है और इसमें रूपांतरण लागत शामिल होती है, जिससे लेनदेन लागत भी बढ़ जाती है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम इन समस्याओं का समाधान रुपये में व्यापार व्यवस्था से कर सकते हैं.”
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कई देश आरबीआई से बातचीत कर रहे हैं. एचडीएफसी बैंक और यूको बैंक समेत कई बैंकों ने रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने के लिए विशेष वोस्ट्रो खाता खोल लिया है. रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर पिछले साल जुलाई में आरबीआई के दिशानिर्देश जारी करने के बाद रूस का सबसे बड़ा बैंक एसबेरबैंक और दूसरा सबसे बड़ा बैंक वीटीबी बैंक इसकी मंजूरी पाने वाले पहले विदेशी बैंक बन गए थे.
रूस का एक और बैंक गाजप्रोम ने भी कोलकाता स्थित यूको बैंक के साथ वोस्ट्रो खाता खोल लिया है. गाजप्रोम की भारत में कोई इकाई नहीं है.