सरकार ने 2014-15 के लिए पोटाश पर सब्सिडी में 3.33 रुपये प्रति किलो कटौती को मंजूरी दी है। इस कटौती से सरकार को 900 करोड़ रुपये की बचत होगी।
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की गुरुवार को हुई बैठक में फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एण्ड के) उर्वरक पर अगले वित्तवर्ष के लिए सब्सिडी को मंजूरी दी गई। बैठक में पोटाश को छोड़कर अन्य सभी उर्वरकों पर सब्सिडी यथावत जारी रखने की सिफारिश की है।
उर्वरक मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष रखने के लिए निर्वाचन आयोग से पहले ही मंजूरी ले ली थी। उर्वरक सचिव शक्तिकांत दास ने बताया, मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट को देखते हुए पोटाश पर सब्सिडी घटाने का निर्णय किया है। इससे किसानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। पोटाश पर सब्सिडी 18.83 रुपये प्रति किलो से घटकर 15.50 रुपये प्रति किलो रह जाएगी।
दास ने कहा कि इस निर्णय के चलते उर्वरकों पर कुल सब्सिडी में सालाना 900 करोड़ रुपये की कमी आने की संभावना है। उद्योग के अनुमान के मुताबिक, पोटाश की वैश्विक कीमतें करीब 60 से 100 डॉलर प्रति टन घटकर 320 डॉलर प्रति टन पर आ गई हैं। भारतीय बाजार में आमतौर पर पोटाश 16,000 रुपये प्रति टन पर बेचा जाता है, जबकि फॉस्फेट करीब 22,500 रुपये प्रति टन पर उपलब्ध है।