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आरबीआई गवर्नर सुब्बाराव ने चालू खाते के बढ़ते घाटे पर चेताया

भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आगाह किया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 प्रतिशत तक पहुंच जाने के बाद वित्त वर्ष के दौरान यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है।
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NDTV Profit हिंदी05:54 PM IST, 11 Feb 2013NDTV Profit हिंदी
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भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आगाह किया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 प्रतिशत तक पहुंच जाने के बाद वित्त वर्ष के दौरान यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है।

हालांकि, केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा, पिछले साल चालू खाते का घाटा जीडीपी का 4.2 प्रतिशत रहा था, लेकिन इस साल यह इससे ऊपर रहेगा। जीडीपी के समक्ष यह संभवत: अब तक की ऐतिहासिक ऊंचाई पर रह सकता है।

विदेशी मुद्रा की कुल प्राप्ति और खर्च का अंतर चालू खाते का घाटा कहलाता है। सुब्बाराव ने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस अंतर को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिये आने वाले विदेशी मुद्रा के बजाय अनिश्चित अंतप्रवाह से पाटा जा रहा है, जिसमें घटबढ़ बनी रहती है। रिजर्व बैंक द्वारा गठित इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सुब्बाराव ने बढ़ते चालू खाते के घाटे पर चिंता जताई। चालू खाते का घाटा बढ़ने की प्रमुख वजह तेल और सोने का ऊंचा आयात है। इसके तीसरी तिमाही के आंकड़े इसी सप्ताह आने की उम्मीद है।

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