रूस की कंपनी सिस्तेमा ने कहा है कि वह भारतीय दूरसंचार बाजार से बाहर नहीं निकलेगी क्योंकि कंपनी को शीर्ष अदालत में दायर सुधार (क्यूरेटिव) याचिका का सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। सिस्तेमा और भारतीय कंपनी श्याम समूह का संयुक्त उद्यम है।
सिस्तेमा की सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज (एसएसटीएल) में 56.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी एमटीएस ब्रांड के तहत सेवा देती है।
2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी को दिए आदेश में जिन 122 लाइसेंस को रद्द किया, उसमें सिस्तेमा श्याम को मिले 21 लाइसेंस भी शामिल है। वर्ष 2008 में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल के दौरान कंपनी को ये लाइसेंस मिले थे।
एसएसटीएल के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी वसेवोलोद राजानोव ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम कारोबार में बने रहेंगे। हमने जो कानूनी रास्ता अपनाया है, उससे हमें उम्मीद है। हम उम्मीद करते हैं कि उच्चतम न्यायालय हमारी सुधार याचिका पर विचार करेगा।’’ कंपनी का कहना है कि फरवरी में उच्चतम न्यायालय के आदेश में उसे गलत तरीके से दंडित किया गया और उसने लाइसेंस बहाल करने के लिए सुधार याचिका दायर की।
यह पूछे जाने पर कि क्या एसएसटीएल अपनी सेवा जारी रखने के लिए अधिग्रहण का रास्ता अपनाएगी, रोजानोव ने कहा, ‘‘हमने कभी इससे इनकार नहीं किया कि हमारी संभावित अधिग्रहण में रुचि है..।’’ एसएसटीएल सीडीएमए सेवा उपलब्ध कराती है। कंपनी स्पेक्ट्रम नीलामी से भी स्वयं को अलग रखा है।