विवादों में फंसे फिनटेक कंपनी BharatPe के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover resigns) ने कंपनी और इसके बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. अशनीर का इस्तीफा तब आया है, जब अभी कुछ दिनों पहले ही उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को भी आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में BharatPe ने कंपनी से बर्खास्त कर दिया था. माधुरी जैन ग्रोवर पर आरोप थे कि उन्होंने अपने पर्सनल ब्यूटी ट्रीटमेंट और विदेशों की यात्राओं का खर्चा फर्जी इनवॉइस के जरिए, कंपनी के खर्चे में जोड़ा था.
Economic Times ने मंगलवार को रिपोर्ट में बताया कि अशनीर ग्रोवर ने अपनी ही खड़ी की हुई कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. ग्रोवर ने कंपनी मैनेजिंग डायरेक्टर और बोर्ड डायरेक्टर पोस्ट से इस्तीफा दिया है. उन्होंने BharatPe बोर्ड को दिए गए अपने इस्तीफे में कहा है कि 'आज मैं यह बहुत भारी मन से लिख रहा हूं क्योंकि मुझे उस कंपनी से जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसे मैंने खड़ा किया है. मैं यह सिर उठाकर कह सकता हूं कि हमारी कंपनी आज फिनटेक की दुनिया में बतौर लीडर खड़ी है. 2022 की शुरुआत से ही, मुझे आधारहीन आरोपों में घसीटा जा रहा है, मुझपर और मेरे परिवार पर हमला किया जा रहा है. वो बस मुझे ही चोट नहीं पहुंचा रहे हैं, उस कंपनी की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचा रहे हैं, जिसे बचाने का दावा वो कर रहे हैं.'
ग्रोवर ने कहा कि भारत में आंत्रप्रेन्योरिशप का चेहरा बनने के बाद वो अब अकेली लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें उनके खिलाफ उनके ही निवेशक और मैनेजमेंट खड़ा है. उन्होंने कहा कि 'दुर्भाग्य से, इस लड़ाई में मैनेजमेंट ने वो खो दिया है, जो दांव पर लगा हुआ है- BharatPe.'
बता दें कि ग्रोवर के नाम पर सबसे पहले तब विवाद शुरू हुआ था, जब कोटक महिंद्रा बैंक के स्टाफ के साथ उनका अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का मामला सामने आया था. उनपर फर्जी गतिविधियों में लिप्त रहने का भी आरोप लगा था, जिससे उन्होंने इनकार किया था. माधुरी जैन ग्रोवर को हटाए जाने के बाद सूत्रों ने बताया था कि माधुरी पर पर्सनल ब्यूटी ट्रीटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स खरीदने और अमेरिका व दुबई की फैमिली वैकेशन के लिए कंपनी के पैसों का इस्तेमाल करने का आरोप है. इसके अलावा कथित तौर पर माधुरी ने अपने निजी स्टाफ को भुगतान भी कंपनी के खातों से किया और परिचित लोगों से फर्जी रसीदें बनवाकर पेश कीं.
इसके अलावा, ग्रोवर को अपने खिलाफ जारी कंपनी की जांच रोकने के लिए दायर मध्यस्थता अर्जी में हार का सामना करना पड़ा है. ग्रोवर को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) से कोई राहत नहीं मिली है. दरअसल, ग्रोवर और उनकी पत्नी ने कंपनी के कामकाज के लिए जारी समीक्षा रोकने की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ की जा रही यह जांच गैरकानूनी है. लेकिन मध्यस्थता केंद्र का कहना है कि भारतपे में शीर्ष प्रबंधन की अनुशंसा पर की जा रही कामकाजी समीक्षा को रोकने का कोई आधार नहीं है.
- ये भी पढ़ें -
VIDEO: अब तक की सुर्खियां : 1 मार्च,2022