वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज इस धारणा को दूर करने का प्रयास किया कि उन्होंने ब्याज दर पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को कोई चुनौती दी है। वित्तमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिर्फ भारत की विनिर्माण क्षमताएं बढ़ाने के बारे में सुझाव भर दिए थे।
उन्होंने अपने सोमवार के भाषण के संबंध में मीडिया में आई खबरों के संदर्भ में अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, मेरे पूरे भाषण (कल मेक इन इंडिया कार्यशाला में) रिजर्व बैंक या इसके गवर्नर के संबंध में एक भी लाइन (एक शब्द भी) नहीं थी। वित्तमंत्री के इस भाषण को राजन के प्रति आलोचनापूर्ण समझा गया।
उन्होंने कहा, जो खबर आई है, वो ऐसे भाषण की खबर है, जो मैंने दिया ही नहीं है। रपट में संकेत दिया गया है कि मैंने रिजर्व बैंक, इसके गवर्नर पर बोला है और उनके बाद उनके साथ अपना मतभेद प्रकट किया। सोमवार को जेटली ने कहा था कि विनिर्माण की वृद्धि में नरमी की एक मात्र वजह रही ऊंची ब्याज दर।
अपने फेसबुक पर जारी एक लेख में जेटली ने कहा, जिन कई वजहों का मैंने जिक्र किया उनमें से एक यह भी था कि ब्याज दरों में कटौती की जानी चाहिए। जो भी भारत को विनिर्माण केंद्र में तब्दील करने के संबंध में बोलता है वह निश्चित तौर पर इसका सुझाव देगा। उन्होंने कहा, मीडिया के विभिन्न हलकों में मेरे भाषण की खबर जिस तरह दी गR है उससे इस बात की पुष्टि होती है कि पत्रकारिता की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में संवाददाता हमेशा एक नए पुट देने की तलाश में रहते हैं। कुछ नहीं भी हो तो भी भाषण को तोड़-मरोड़कर कुछ नया मोड़ देने की कोशिश की जाती है।