प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
वित्तीय साल खत्म होने को है और अक्सर देखा गया है कि जनवरी, फरवरी, मार्च में लोग अपने पैसे के निवेश पर ज्यादा ध्यान देते हैं, क्योंकि इसी समय आयकर दाताओं को टैक्स बचाने से जुड़े दस्तावेज़ अपने दफ़्तरों में देने होते हैं। ऐसे में अक्सर लोग जल्दबाज़ी में निवेश की योजनाएं बना लेते हैं या निवेश भी करते हैं, वह भी टैक्स बचाने के इरादे से। लेकिन ये तरीका सही नहीं है। आपको साल भर अपने निवेश पर ध्यान देना होगा। इसकी एक लंबी योजना बनानी होगी और उस पर अमल करना होगा।
बचत और निवेश से जुड़े हमारे खास कार्यक्रम 'पैसा वसूल' में इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट और एसेट मैनेजर्स के मैनेजिंग पार्टनर सूर्या भाटिया ने इस बारे में खास जानकारियां दीं। जानें उनके द्वारा दिए गए टिप्स :
- निवेशक को सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्य पहचानने चाहिए। उसे यह जानना चाहिए कि आने वाले समय में किन-किन चीज़ों के लिए पैसे की कितनी ज़रूरत होगी... उदाहरण के लिए अगर कोई युवा निवेशक है और उसे मकान ख़रीदना है तो ये काम उसे अगले कुछ सालों में ही कर लेना होगा।
- बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी जैसी चीज़ों के लिए लंबा समय लगता है, इसलिए उसे इसी आधार पर अपनी निवेश की योजनाएं बनानी होंगी, ताकि जिस वक़्त उसे जिस काम के लिए ज़रूरत है, उस वक़्त उसे उतना पैसा मिल जाए।
-इसके बाद निवेशक को ये देखना होगा कि वह कितना जोखिम ले सकता है। इसी आधार पर उसे इक्विटी या म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करना चाहिए।
-अक्सर लोग पैसे के निवेश के लिए रियल एस्टेट या सोने का ही सहारा लेते हैं जबकि लंबे वक़्त में इक्विटी में थोड़ा-थोड़ा निवेश आपको अच्छा फ़ायदा दे सकता है।
- निवेशक को यह भी देखना होगा कि वह कितने समय तक लगातार निवेश कर सकता है।
- कुल मिलाकर निवेश का लक्ष्य यह होना चाहिए कि आप महंगाई दर से होने वाले नुकसान से बच जाएं, बल्कि महंगाई दर से कम से कम दो फीसदी रिटर्न आपको ज़्यादा मिलना चाहिए, ताकि जब आप अपनी जमा हुई रकम को बाहर निकालें तो उस समय के हिसाब से आपके लिए वह पैसा एक बड़ी पूंजी साबित हो।
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- निवेशक को सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्य पहचानने चाहिए। उसे यह जानना चाहिए कि आने वाले समय में किन-किन चीज़ों के लिए पैसे की कितनी ज़रूरत होगी... उदाहरण के लिए अगर कोई युवा निवेशक है और उसे मकान ख़रीदना है तो ये काम उसे अगले कुछ सालों में ही कर लेना होगा।
- बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी जैसी चीज़ों के लिए लंबा समय लगता है, इसलिए उसे इसी आधार पर अपनी निवेश की योजनाएं बनानी होंगी, ताकि जिस वक़्त उसे जिस काम के लिए ज़रूरत है, उस वक़्त उसे उतना पैसा मिल जाए।
-इसके बाद निवेशक को ये देखना होगा कि वह कितना जोखिम ले सकता है। इसी आधार पर उसे इक्विटी या म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करना चाहिए।
-अक्सर लोग पैसे के निवेश के लिए रियल एस्टेट या सोने का ही सहारा लेते हैं जबकि लंबे वक़्त में इक्विटी में थोड़ा-थोड़ा निवेश आपको अच्छा फ़ायदा दे सकता है।
- निवेशक को यह भी देखना होगा कि वह कितने समय तक लगातार निवेश कर सकता है।
- कुल मिलाकर निवेश का लक्ष्य यह होना चाहिए कि आप महंगाई दर से होने वाले नुकसान से बच जाएं, बल्कि महंगाई दर से कम से कम दो फीसदी रिटर्न आपको ज़्यादा मिलना चाहिए, ताकि जब आप अपनी जमा हुई रकम को बाहर निकालें तो उस समय के हिसाब से आपके लिए वह पैसा एक बड़ी पूंजी साबित हो।
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