बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने लंबे फिल्मी सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. 1970 और 80 के दशक में उन्हें ‘एंग्री यंग मैन' के रूप में जबरदस्त लोकप्रियता मिली, लेकिन 1990 का दशक आते-आते उनके करियर में एक ठहराव नजर आने लगा. उनके कई प्रोजेक्ट्स उम्मीद के मुताबिक नहीं चले और राजनीति में उठाया गया छोटा-सा कदम भी उनके लिए मुश्किलों भरा साबित हुआ. ऐसे में कौन एक्टर बन गया था बिग बी के लिए खतरा और किसका विदेश में स्टारडम देख मायूस हो गए थे अमिताभ बच्चन, आइए जानते हैं.
गोविंदा के साथ नई शुरुआत
इस दौर में गोविंदा का करियर अर्श पर था. गोविंदा अपनी एक्टिंग, अपने कॉमिक रोल और डांस के चलते दर्शकों तक पहुंच चुके थे और उन्हें खूब प्यार भी मिल रहा था. 90 के दशक में वे दर्शकों के चहेते बन चुके थे. ऐसे में जब अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में वापसी की, तो उन्होंने गोविंदा के साथ डेविड धवन की फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियाँ' (1998) साइन की. फिल्म सुपरहिट रही, लेकिन इसने अमिताभ को एक सच्चाई का एहसास भी कराया- समय बदल चुका था, और दर्शकों की पसंद भी.
2016 में दिए एक इंटरव्यू में अमिताभ ने बताया, "पूरा समीकरण बदल जाता है. भीड़ अब आपकी तरफ वैसे नहीं देखती. कभी आप किसी रेस्टोरेंट में जाते थे तो हंगामा मच जाता था. फिर एक दिन आता है जब आप अंदर जाते हैं और कोई ध्यान ही नहीं देता. यही ज़िंदगी का हिस्सा है". अमिताभ ने अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि कैसे एक वक्त था जब उनकी लोकप्रियता का आलम कुछ और ही था.
वक्त कितना बदल गया
अमिताभ बच्चन ने इस बदलाव को बयां करते हुए कहा, "लावारिस और मुकद्दर का सिकंदर के दौर में जब मैं न्यूयॉर्क गया था, तो दीवानगी का आलम कुछ और ही था. भीड़ इतनी पागल थी कि मुझे स्टेज से निकालने के लिए लिमोज़ीन को मंच पर लाना पड़ा और लिफ्ट के जरिए नीचे से बाहर निकलना पड़ा". उन्होंने आगे बताया, "सालों बाद, जब मैं गोविंदा और रवीना के साथ प्रमोशन के लिए गया, तो माहौल बिल्कुल उल्टा था. हम बड़ी लिमोज़ीन से उतरे, लेकिन किसी ने ध्यान तक नहीं दिया. तब एहसास हुआ कि वक्त और लोगों की पसंद दोनों बदल चुके हैं".
हर दौर का अपना स्टार होता है
बिग बी ने गोविंदा की लोकप्रियता की तारीफ करते हुए एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर किया. उन्होंने कहा, "हम, 'हम' (1991) की शूटिंग कर रहे थे. कुछ बच्चे मेरे पास ऑटोग्राफ लेने आए. गोविंदा पास ही खड़े थे. तभी एक प्यारी सी लड़की ने लड़के के हाथ पर थपथपाया और कहा- ‘वो नहीं, ये... गोविंदा का ऑटोग्राफ लो". यह वाकया अमिताभ बच्चन के लिए एक यादगार पल था, जहां उन्होंने महसूस किया कि हर दौर का अपना स्टार होता है, और उन्होंने उस सच्चाई को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया.
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