
sholay full movie in 10 pictures: रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले' को हिंदी सिनेमा का मील का पत्थर कहा जाता है. इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रचा बल्कि ऐसे कई सीन दिए जो आज भी लोगों की यादों में जिंदा हैं. फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जया बच्चन, अमजद खान, संजीव कुमार मुख्य रोल में नजर आए थे. इस फिल्म ने रिलीज होते ही इतिहास रच दिया था. ऐसे में आइए जानते हैं उस 10 सीन के बारे में, जिन पर जब फिल्म रिलीज हुई तो दर्शक भी तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए.
गब्बर का एंट्री सीन- 'कितने आदमी थे?'

पहाड़ी पर बैठा गब्बर जब अपनी गूंजती आवाज में पूछता है 'कितने आदमी थे?' तो थिएटर में सन्नाटा छा गया और फिर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी. यह सीन हिंदी सिनेमा का सबसे यादगार एंट्री सीन माना जाता है.
जय-वीरू का कोर्ट सीन

जब दोनों चोरी के आरोप में पकड़े जाते हैं और जज (असरानी) के सामने मजेदार हरकतें करते हैं, तो दर्शक हंसी से लोटपोट हो गए थे. असरानी का 47 साल का जेलर बनना इस सीन को और खास बना देता है.
ठाकुर बनाम गब्बर

फिल्म का एक भावनात्मक और शक्तिशाली सीन तब आया जब ठाकुर ने गब्बर से कहा- 'गब्बर, तेरे लिए मेरे पास सिर्फ नफरत है'. इस सीन ने ठाकुर की मजबूती और गब्बर की हार को दर्शाया।
बसंती का तांगा और 'मत नाचना' सीन

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की जोड़ी तब और चमकी जब वीरू ने कहा- 'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना' दर्शकों ने इस डायलॉग पर जोरदार तालियां बजाईं.
दोस्ती का जश्न- 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे'

जय और वीरू की बाइक पर बैठकर गाए इस गाने ने दोस्ती की परिभाषा बदल दी. गाने के दौरान उनकी कैमिस्ट्री ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
गब्बर का डरावना डायलॉग- 'जो डर गया, समझो मर गया'

गब्बर का यह डायलॉग इतना पॉपुलर हुआ कि लोग थिएटर में इसे दोहराने लगे। इस सीन पर खूब हूटिंग और तालियां हुई थीं.
वीरू का पानी की टंकी पर चढ़ना

धर्मेंद्र का यह कॉमिक सीन जब वह शराब पीकर टंकी पर चढ़ जाते हैं और आत्महत्या की धमकी देते हैं, दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर गया.
जय की हारमोनिका

अमिताभ बच्चन यानी जय जब-जब हारमोनिका बजाते, स्क्रीन पर एक साइलेंस छा जाता और दर्शक सीटी से उनका स्वागत करते. यह सीन फिल्म की आत्मा बन गया था.
ठाकुर का गब्बर से बदला

फिल्म के क्लाइमैक्स में जब ठाकुर अपने पैरों से गब्बर को हराते हैं, तो पूरा थिएटर तालियों से गूंज उठा. यह सीन दर्शकों के लिए भावनाओं का विस्फोट था.
'होली कब है?'

गब्बर का मजाकिया लेकिन खतरनाक अंदाज- 'होली कब है, कब है होली?, इतना पॉपुलर हुआ कि यह डायलॉग आज भी फिल्मों और मिमिक्री में बार-बार दोहराया जाता है.
'वीरू के हाथ में जय का मरना'

फिल्म का यह सीन देख फैंस फफक-फफक कर सिनेमा हॉल में रोए थे. इस सीन में धर्मेंद्र-अमिताभ की अदाकारी ऐसी थी कि यह हिंदी सिनेमा के सबसे मशहूर सीन में से एक हो गया.
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