हिंदी फिल्मों में रोमांस की जब-जब बात होती है, रोमांस किंग के तौर पर शाहरुख खान का नाम ही याद आता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि शाहरुख खान पर ही ये इमेज खूब जंचती भी है. लेकिन उन्हें ये पहचान देने वाला शख्स कोई और है. शाहरुख खान पर्दे पर बाहें फैलाकर जिस रोमांस को दिखाते रहे उस मोहब्बत को गढ़ने वाला शख्स इंडस्ट्री का असल रोमांस किंग है. जिनकी वजह से बर्फीली वादियों में शिफॉन की साड़ी वाला रोमांस हकीकत लगने लगा. बेइंतहा खूबसूरत हीरोइन्स स्क्रीन पर दिखीं और शाहरुख खान वाला हद से गुजर जाने वाला इश्क सच्चा दिखाई दिया. क्या आप ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में इस शख्स को पहचान पा रहे हैं?
ये हीरोइन बनी मोटिवेशन
अगर नहीं, तो बता दें ये हैं डायरेक्टर यश चोपड़ा, जिनका फिल्मी बैनर ही मोहब्बत से भरी फिल्मों की पहचान बन गया. 27 सितंबर को लाहौर में जन्में यश चोपड़ा इंजीनियर बनने के ख्वाहिशमंद थे. काम मिलने तक वो अपने भाई बीआर चोपड़ा के साथ पर्दे के पीछे काम करने लगे. उनके असिस्टेंट का काम देखकर हीरोइन वैजयंती माला इतना प्रभावित हुईं कि उन्हें फिल्म डायरेक्ट करने की सलाह दे डाली. अपने आखिरी इंटरव्यू में यश चोपड़ा ने खुद ये जिक्र किया था कि वैजयंती माला ने उन्हें डायरेक्शन में उतरने के लिए मोटिवेट किया और वो इस दिशा में आगे बढ़ते चले गए.
शांताराम ने दी जगह
यश चोपड़ा की प्रतिभा को समझने वाले दूसरे शख्स थे वी शांता राम, जिन्होंने यश चोपड़ा को अपना काम शुरू करने के लिए छोटी सी जगह दी. यशराज फिल्म्स के 50 साल जब पूरे हुए थे, तब उदय चोपड़ा ने एक पोस्ट में इससे जुड़ी जानकारी साझा की थी. यश चोपड़ा के छोटे बेटे उदय चोपड़ा ने पोस्ट लिखा कि उनके पिता की शुरुआत बीआर फिल्म्स में एक छोटे से कर्मचारी के तौर पर हुई. वी शांताराम के दिए एक छोटे से कमरे से खुद के स्टूडियो का सफर शुरू हुआ, जिसने यश चोपड़ा को रोमांस किंग बनाया और यशराज फिल्म्स को इंड्स्ट्री का बड़ा बैनर बनाया और देखते ही देखते दस हजार करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी.
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