
सुनील दत्त बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में से एक थे. आज भी उनकी एक्टिंग के लोग दीवाने हैं. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में डायरेक्शन से लेकर एक्टिंग तक हर चीज में हाथ आजमाया था. खास बात ये थी कि वो हर चीज में सफल रहे थे. सुनील दत्त को असली पहचान मदर इंडिया से मिली थी मगर 60 के दशक में वो एक ऐसी फिल्म लेकर आए थे जिसके लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से तक नवाजा गया था. उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं. सुनील दत्त की इस फिल्म का नाम यादें हैं. यादें एक ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म है जो 1964 में आई थी. आइए आपको इस फिल्म की खासियत बताते हैं.
सुनील दत्त ने किया एक्सपेरिमेंट
सुनील दत्त की यादें की खास बात ये थी कि उन्होंने इसे डायरेक्ट, प्रोड्यूस और एक्टिंग खुद ही की थी. इस पूरी फिल्म में सिर्फ वो ही एक एक्टर थे. आज जहां मल्टीस्टारर फिल्मों का ट्रेंड चल रहा है इसी बीच सुनील दत्त ने ऐसा एक्सपेरिमेंट कर दिया था जिसे हर कोई देखता रह गया था. फिल्म में सिर्फ एक एक्टर दिखाया गया था बाकियों की सिर्फ आवाज सुनाई दी थी. इसके अलावा उन्होंने फिल्म में शैडो के जरिए भी झलक दिखाई थी.
जीता था नेशनल अवॉर्ड
यादें बॉलीवुड के इतिहास में बनने वाली पहली फिल्म थी जिसमें सिर्फ एक एक्टर था. इस फिल्म में सिर्फ दो गाने थे और दोनों ही लता मंगेशकर ने गाए थे. 1964 में इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था. इसके अलावा फिल्म ने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था.
ये है फिल्म की कहानी
यादें की कहानी की बात करें तो ये एक अनिल की कहानी है जिसका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है. अफेयर की वजह से उसके और पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे. पूरी फिल्म में वो अपनी बीवी और बच्चों के साथ बिताए पलों को याद करता नजर आता है. पूरी फिल्म में जो सबसे खास है वो सुनील दत्त के एक्सप्रेशन. फिल्म के आखिरी में एक सीन में नरगिस दत्त दिखाई गई हैं मगर उन्हें भी सिल्हूट तकनीक के सहारे दिखाया गया है.
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