
प्रोतिमा बेदी इंडियन सिनेमा और संस्कृति के क्षेत्र में एक जाना माना नाम है. हालांकि आज वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने समय में मॉडलिंग से डांस तक समाज की कई बंदिशों को तोड़ा है. एक्टर कबीर बेदी की पहली पत्नी और पूजा बेदी की मां साल 1998 में केदारनाथ और मानसरोवर की यात्रा पर गई थी और वहां से कभी वापस नहीं लौटीं. लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वह आज भी जिंदा है. पूजा ने बताया कि उनकी मां को मौत का आभास हो गया था और इस बार उन्होंने पूरी तैयारी कर ली थी. पूजा कहती हैं कि उनकी मां आज भी उनके आस-पास मौजूद हैं.
हवा में सिगरेट के धुएं के छल्ले उड़ाती थी एक्ट्रेस
पूजा बेदी ने बताया कि उनकी मां खुले विचारों वालीं और जिंदगी को खुलकर जीने वाली महिला थीं. एक्ट्रेस ने बताया, 'मां के साथ मेरी पहली याद यह है कि मां मुझे जुहू बीच पर एबीसीडी सिखाया करती थी, उन्होंने मुझे हमेशा गले लगाया और चूमा करती थी, मां मुझे होमवर्क करने से मना करती थी, बोलती थी कि घर पर तुम्हारे साथ बिताने वाला यह समय मेरा है, मां हर बात में परफेक्ट थीं, उन्होंने खुद को और खुद की आजादी को कभी जकड़ा नहीं, वह बिकिनी पहनना और सिगरेट पीने को गलत नहीं मानती थीं, वह कभी भी साड़ी पहनकर क्लासिक डांस करने लग जाती थी'.
मौत का हो गया था आभास
पूजा ने बताया, 'मां अपनी वसीयत मेरे पास लेकर आई थी, उन्होंने अपनी जूलरी, डॉक्यूमेंट और प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट दिए और कहा, तुम्हें नहीं पता.. तो मैंने कहा आप इतना ड्रामा क्यों कर रही हो? तो मां बलीं तुम्हें कभी नहीं पता चलता डार्लिंग...सिद्धार्थ (बेटा) नहीं रहा, उसने सुसाइड कर लिया, अब तुम ही मेरा सहारा हो और मैं चाहती हूं तुम मुझे जाने दो'. फिर प्रोतिमा कुल्लू मनाली चली गईं और वहां से अपनी बेटी को 12 पेज का एक लेटर भेजा. इस खत में प्रोतिमा ने जिदंगी का पूरा सार बताया था और अपनी मौत के बारे में भी. खत में बताया कि वह कुल्लू में हैं और बहुत खुश हैं, इसके बाद उनकी कोई खबर नहीं आई. एक्ट्रेस की इच्छा था कि वह किसी श्मशान घाट में नहीं बल्कि प्रकृति की गोद में मरना चाहती थी. 18 अगस्त 1998 को 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था.
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