एस एस राजामौली की 'बाहुबली' सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि इंडियन सिनेमा की शान बन चुकी एक ऐतिहासिक ब्लॉकबस्टर है. 2015 में रिलीज हुई 'बाहुबली: द बिगिनिंग' और 2017 में आई 'बाहुबली 2: द कॉन्क्लूजन' ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जिन्हें तोड़ना आज भी मुश्किल है. फिल्म की कहानी, सेट्स, विजुअल्स और म्यूजिक सब कुछ ग्रैंड था. प्रभास, राणा दग्गुबाती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना भाटिया जैसे स्टार्स ने अपने किरदारों से दर्शकों का दिल जीत लिया. लेकिन इस ग्रैंड फिल्म की असली आत्मा बनीं राजमाता शिवगामी देवी, जिनका किरदार निभाया राम्या कृष्णन ने, हालांकि किरदार के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है. आखिर क्या चलिए बताते हैं.

जब पर्दे पर दिखीं राजमाता, रौब ने जीत लिया दिल
बाहुबली में राजमाता शिवगामी का किरदार कहानी की जान था. वो सिर्फ एक रानी नहीं, बल्कि हिम्मत, ताकत और न्याय की मिसाल थीं. राम्या कृष्णन ने इस रोल को इतनी शिद्दत से निभाया कि दर्शकों को वो सच में महिष्मती की महारानी लगने लगीं. उनका मशहूर सीन, जिसमें वो एक हाथ में बच्चा और दूसरे में मशाल लेकर आगे बढ़ती हैं, आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देता है. उनकी आंखों का गुस्सा, चेहरे की शांति और आवाज का वजन सबने मिलकर शिवगामी को सिनेमा का एक यादगार किरदार बना दिया.

जब शिवगामी के रोल के लिए तैयार नहीं थीं राम्या, फिर...
राम्या कृष्णन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि शुरुआत में वो ‘बाहुबली' करने के लिए तैयार नहीं थीं. उस वक्त वो किसी और प्रोजेक्ट में बिजी थीं और उनका बेटा बहुत छोटा था. इसलिए उन्होंने इस फिल्म को ज्यादा सीरियसली नहीं लिया. उन्हें लगा कि ये बस एक और पीरियड ड्रामा होगी. लेकिन उनके पति ने उन्हें समझाया कि ये कोई आम फिल्म नहीं, बल्कि बड़े विजन और बड़े डायरेक्टर का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उन्होंने कहा कि एस एस राजामौली जैसे फिल्ममेकर के साथ काम करने का मौका बार-बार नहीं मिलता.
Initial Hesitation In BAHUBALI !
— Let's X OTT GLOBAL (@LetsXOtt) October 27, 2025
Ramya Krishna reveals she initially didn't take the role seriously as she was busy with another production and her son was very young , Her husband was the one who pushed her, asking, "What's wrong with you? It's a big budget film"
She was… pic.twitter.com/YJpEKwum0e
आज राजमाता के नाम से जानते हैं लोग
राम्या कृष्णन बताती हैं कि जब उन्होंने पहली बार शिवगामी का सीन सुना जिसमें वो एक हाथ में बच्चा और दूसरे में मशाल लेकर आगे बढ़ती हैं तो उन्हें महसूस हुआ कि ये रोल कुछ अलग है. उसी पल उन्होंने तय कर लिया कि इसे पूरे दिल से निभाना है. उन्होंने शिवगामी के हर इमोशन, हर एक्सप्रेशन में अपनी जान डाल दी. नतीजा ये हुआ कि फिल्म रिलीज होते ही दर्शकों ने उन्हें सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं, बल्कि असली राजमाता मान लिया. आज भी जब लोग ‘बाहुबली' की बात करते हैं, तो राम्या कृष्णन का नाम सबसे पहले याद आता है. इस रोल ने उन्हें वो पहचान दी, जो किसी एक्टर को जिंदगी में सिर्फ एक बार मिलती है. 31 अक्तूबर को 'बाहुबली: द एपिक' रिलीज हो रही है.
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