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Stephen Movie Review: सनकी हत्यारे की कहानी, 6 महीनों में 9 महिलाओं की मौत, पसीने छुड़ा देगा क्लाइमैक्स

स्टीफन एक प्योर साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्म है. इसका क्लाइमैक्स आपको बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करता सकता है.

Stephen Movie Review: सनकी हत्यारे की कहानी, 6 महीनों में 9 महिलाओं की मौत, पसीने छुड़ा देगा क्लाइमैक्स
नई दिल्ली:

तमिल फिल्म 'स्टीफन' नेटफ्लिक्स पर बीती 5 दिसंबर से देखी जा रही है. यह एक साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्म है. मिथुन बालाजी ने इसे डायरेक्ट किया है, जिसमें गोमती शंकर, स्मृति वेंकट और माइकल लीड रोल में हैं. स्टीफन की कहानी एक सीरियल किलर की है, जो पूरी तरह से सनकी है. गोमती शंकर फिल्म में एक साइको किलर स्टीफन जेबराज के रोल में हैं, जो 6 महीनों में 9 महिलाओं को मौत के घाट उतार चुका है. स्टीफन की साइकोलॉजिकल कंडीशन क्या है? वो महिलाओं को क्यों मार रहा है? कहानी का सार यही है.

स्टीफन-सीमा और मर्डर के छिपे राज
जहां तकरीबन साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर फिल्में खत्म होती हैं, स्टीफन वहां से शुरू होती है. डायरेक्टर ने कहानी को ज्यादा तोड़ा-मरोड़ा नहीं, बस इसे एक सवाल क्यों? पर इसे टिकाकर रखा है, जिसका जवाब जानने के लिए हर दर्शक बेताब नजर आता है. स्टीफन से इन मर्डर पर साइकेट्रिस्ट सीमा (स्मृति वेंकट) एक-एक राज उगलवाने का काम करती है. सीमा यह पता लगाती है कि आखिर इन हत्याओं के पीछे का असल कारण क्या है? स्टीफन की दिमागी हालत ऐसी क्यों है. पूछताछ में स्टीफन अपना अपराध कबूल कर लेता है. इसके बाद वह इतना शांत और बैलेंसिंग नजर आता है कि ऐसा लगता है वो फिर कोई नया प्लान बना रहा है. सीमा अपनी कोशिशों से स्टीफन के अतीत को भी जान चुकी है.

स्टार कास्ट और उनकी भूमिका
इस पूछताछ में धीरे-धीरे परते खुलने लगती हैं और पता चलता है कि स्टीफन का महिलाओं की हत्या करने का मकसद आखिर क्या है. उसने इन अपराधों को कैसे अंजाम दिया. फिल्म हर मोड़ पर चुनौतीपूर्ण लगती है और फिल्म का क्लाइमैक्स दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है. गोमती ने स्टीफन के किरदार खुलकर जिया है. उन्होंने एक अपराधी की जिंदगी को पर्दे पर ऐसे उतारा है, एक बार को भी यह नहीं लगता कि यह कोई आम इंसान है. स्मृति अपने रोल पर खरी उतरी हैं. वहीं, माइकल ने एक जांच अधिकारी के तौर पर शानदार काम किया है, लेकिन लीड किरदारों से थोड़ा कम दिखे हैं.

टेक्निकल फिट बैठती है फिल्म
फिल्म के टेक्निकल पहलू पर बात करें तो सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर, एडिटिंग, साइकोलॉजिकल मुद्दे और माहौल को बहुत अच्छे ढंग से पेश किया गया है. फिल्म दर्शकों को बांधने का काम करती है, जो दर्शकों के लिए क्राइम थ्रिलर कहानी का नया एक्सपीरियंस देती है. क्राइम, साइकोलॉजी और मिस्टीरियस फिल्में देखने के शौकीनों के लिए यह फिल्म बेहतरीन तोहफा है. वहीं, फिल्म का क्लाइमैक्स बताता है कि इसका सीक्वल भी बहुत जल्द देखने को मिलेगा. 

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