
बॉलीवुड की दुनिया में कई सितारे आते हैं और अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में बस जाते हैं. लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी होते हैं ,जो बहुत कम समय के लिए सिनेमाई फलक पर चमकते हैं. उसके बाद भी उनका नाम सालों साल तक याद किया जाता है. ऐसी ही एक अदाकारा थीं दिव्या भारती. उनके नैन-नक्श को लोग श्रीदेवी से तुलना करते थे. वो कम उम्र में ही इतनी मशहूर हो गई थीं कि करिश्मा कपूर और रवीना टंडन जैसी एक्ट्रेसेस भी उनके स्टारडम से डरने लगी थीं. 90 के दशक में दिव्या ने अपने टैलेंट, मासूमियत और खूबसूरती से करोड़ों दिल जीते. लेकिन 19 साल की उम्र में उनकी जिंदगी का सफर अचानक खत्म हो गया.
छोटी उम्र में सुपरस्टार और अवॉर्ड विनर
दिव्या भारती का फिल्मी करियर बहुत छोटा था. लेकिन उन्होंने जो हासिल किया, वो कई बड़े सितारों के लिए भी मुश्किल है. उन्होंने 16 साल की उम्र में तेलुगु फिल्मों से डेब्यू किया और जल्द ही हिंदी सिनेमा की ओर कदम बढ़ाया. सिर्फ 2-3 साल के करियर में वो सुपरहिट फिल्मों की क्वीन बन गईं. 1992 में उनकी फिल्म ‘विश्वात्मा' आई. जिसका गाना सात समुंदर पार आज भी लोगों के होंठों पर है. इसके अलावा ‘दीवाना', ‘शोला और शबनम', ‘दिल का क्या कसूर' जैसी फिल्मों ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया. उन्होंने इतनी कम उम्र में फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट डेब्यू भी जीत लिया.
ट्रैजिक मौत और अधूरी फिल्में
5 अप्रैल 1993 की रात दिव्या भारती की जिंदगी ने ऐसा मोड़ लिया जिसे कोई नहीं भूल सकता. वो अपने मुंबई स्थित फ्लैट की बालकनी से गिर गईं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई. इस घटना ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को हिला दिया. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 19 साल थी और वो 12 फिल्मों पर काम कर रही थीं, जो अधूरी रह गईं. इनमें से एक थी लाडला मूवी. जिसे बाद में श्रीदेवी ने पूरा किया था. इसी तरह उनकी बाकी फिल्मों में जूही चावला, करिश्मा और रवीना जैसी हीरोइन्स को कास्ट किया गया था. उनकी मौत को लेकर कई तरह के सवाल और चर्चाएं हुईं, लेकिन आज भी यह एक रहस्य बनी हुई है. दिव्या का करियर अगर जारी रहता, तो शायद वो बॉलीवुड की सबसे बड़ी सुपरस्टार में से एक होतीं.
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