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घिसट घिसट कर 57 लाख रुपये कमा पाई थी शाहरुख खान की ये फिल्म, एक्टर ने प्रमोशन से काट ली थी कन्नी, इस हाल में पूरी हुई थी मूवी

साल 1993 में शाहरुख खान ने फिल्मों में कदम रखा था. दीवाना और राजू बन गया जेंटलमैन से उन्होंने अच्छी शुरुआत की, लेकिन तब तक वो सुपरस्टार नहीं बने थे. डर और बाज़ीगर जैसी फिल्मों ने उन्हें स्टारडम की ओर बढ़ाया.

घिसट घिसट कर 57 लाख रुपये कमा पाई थी शाहरुख खान की ये फिल्म, एक्टर ने प्रमोशन से काट ली थी कन्नी, इस हाल में पूरी हुई थी मूवी
घिसट घिसट कर 57 लाख रु. कमा पाई थी शाहरुख खान की ये फिल्म
नई दिल्ली:

शाहरुख खान का नाम नाइंटीज में ऐसे नामों में शुमार था जिसके होने से ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल पड़ती थी. ये वो दौर था जब शाहरुख खान सिनेमाई पटल पर तेजी से उभर रहे थे. उनका हाथ हर फिल्म के लिए सोना साबित हो रहा था. हालांकि तब शाहरुख खान खुद नहीं जानते थे कि वो बॉलीवुड का बादशाह बनने के सफर पर चल पड़े हैं. शायद इसलिए उन्होंने ताबड़तोड़ तरीके से और शायद बिना सोचे समझे भी बहुत सारी फिल्में साइन कर लीं. साल 1993 में शाहरुख खान ने फिल्मों में कदम रखा था. दीवाना और राजू बन गया जेंटलमैन से उन्होंने अच्छी शुरुआत की, लेकिन तब तक वो सुपरस्टार नहीं बने थे. डर और बाज़ीगर जैसी फिल्मों ने उन्हें स्टारडम की ओर बढ़ाया, और इसी बीच उन्होंने कई प्रोजेक्ट साइन कर लिए थे ताकि बॉक्स ऑफिस पर उनकी मौजूदगी बनी रहे. इन्हीं में से एक फिल्म थी ये लम्हे जुदाई के, जो बाद में उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई.

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रवीना भी थीं साथ
असल में ये फिल्म 1993 में शुरू हुई थी, जब शाहरुख और रवीना टंडन ने इसे साइन किया. फिल्म का नाम तब जादू था और इसकी शूटिंग 1994 तक लगभग पूरी हो चुकी थी. लेकिन किसी कारण से ये लम्हे जुदाई अटक गई और करीब 10 साल तक रिलीज ही नहीं हो पाई.

फिर 2004 में जब शाहरुख खान अपने करियर के पीक पर थे, तब मोहब्बतें, कभी खुशी कभी गम, देवदास, कल हो ना हो और मैं हूं ना जैसी ब्लॉकबस्टर हिट्स दे चुके थे. तभी ये अधूरी फिल्म फिर से उठाई गई. मेकर्स ने ये लम्हे जुदाई को जोड़-तोड़कर पूरा किया और नए चेहरे जैसे रश्मि देसाई और अमित कुमार को भी फिल्म में डाल दिया. लेकिन कहानी का मेल इतना बेतरतीब था कि फिल्म मीनिंगलेस सी लग रही थी. जिसके चलते शाहरुख और रवीना ने न तो फिल्म की डबिंग की और न ही इसके प्रमोशन में हिस्सा लिया.

कब रिलीज हुई ये फिल्म?
आखिरकार 9 अप्रैल 2004 को ये फिल्म रिलीज हुई. उसी दिन विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी की मस्ती भी सिनेमाघरों में उतरी. जिसने बॉक्स ऑफिस पर कब्जा कर लिया. नतीजा ये हुआ कि ये लम्हे जुदाई के पहले ही दिन सिर्फ 13 लाख कमा पाई, जबकि उसी साल वीर-जारा और मैं हूं ना की ओपनिंग 2.5 करोड़ से ऊपर थी. फिल्म की कुल कमाई भारत में केवल 57 लाख रही और वर्ल्डवाइड मुश्किल से 1 करोड़ का आंकड़ा छू सकी.

आज ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है. लेकिन फैंस और क्रिटिक्स अक्सर इसे शाहरुख खान के करियर की सबसे बड़ी भूल कहते हैं. कहा जाता है कि ये वही फिल्म है जिसे खुद किंग खान भी भुला देना चाहेंगे.

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