
करण जौहर बॉलीवुड का जाना माना नाम हैं, जिनका प्रोडक्शन हाउस कई नए टेलेंट्स को लॉन्च कर चुका है और वह आज पॉपुलर हो गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि करण जौहर के पिता यश जौहर ने इस प्रोडक्शन हाउस की नींव रखी थी, जो कि हिंदी सिनेमा के उन निर्माताओं में गिने जाते हैं, जिनकी फिल्में दशकों से दर्शकों को एंटरटेन कर रही हैं. इसके चलते आज करण जौहर का नेटवर्थ 1400 करोड़ हो गया है. लेकिन अब धर्मा प्रोडक्शन हाउस के 50 प्रतिशत के शेयर बिजनेसमैन अदार पूनावाला को बेच दिए हैं. वहीं इस पर करण जौहर ने कहा था कि उन्होंने यह फैसला कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए किया क्योंकि उन्हें फंड की जरुरत थी.
राज शमानी के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में करण जौहर ने कहा, धर्मा प्रोडक्शंस की कई फिल्में पहले कोलाब के साथ बनी थीं, यही वजह है कि प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा भागीदारों के बीच बांटा जाना था. उन्होंने कहा कि वह अंततः ऐसी साझेदारी के माध्यम से फिल्में बनाने से सावधान हो गए और उन्होंने कहा, "मैं कोलाब प्रोजेक्ट नहीं करना चाहता था ताकि सारा मुनाफा धर्मा प्रोडक्शंस के पास रहे. उस समय हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्मों में सभी भागीदार थे क्योंकि हम अपनी क्षमता के हिसाब से उन फिल्मों को फाइनेंस नहीं कर सकते थे, क्योंकि हम नए थे."
पिता की विरासत के बारे में करण जौहर ने कहा, जो लोग नेपोटिज्म कहते हैं, वह मेरा इतिहास नही जानते. मुझे अपने पिता से सम्मान तो मिला है, लेकिन पैसा नहीं. कुछ कुछ होता है से पहले हमारी लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हुई थीं. 1998 में कुछ कुछ होता है की रिलीज ने धर्मा प्रोडक्शंस को एक मजबूत कंपनी के रूप में स्थापित किया. मेरे पास जो था वह मेरे पिता की सद्भावना और उनका जबरदस्त विश्वास था. उन्हें बहुत प्यार किया जाता था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली."
गौरतलब है कि 'दोस्ताना', 'अग्निपथ', 'गुमराह', 'कुछ कुछ होता है', और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फिल्मों का निर्माण धर्मा प्रोडक्शन के साथ यश जौहर ने किया है. वहीं उनके बेटे करण जौहर ने कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम जैसी हिट फिल्मों से इस बिजनेस को आगे बढ़ाया है.
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