
एक्टर और एनिमल लवर रणदीप हुड्डा ने आवारा कुत्तों पर कोर्ट के फैसले की समीक्षा के मुख्य न्यायाधीश के निर्णय का स्वागत किया है. इस फैसले की तारीफ करते हुए रणदीप हुड्डा ने एक लंबा पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया. रणदीप हुड्डा ने इस पोस्ट में लिखा, "यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि माननीय मुख्य न्यायाधीश एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित फैसले पर विचार करने के लिए सहमत हो गए हैं. कानून पारित करना और उसे लागू करना सबसे पहले मानवीय होना चाहिए और दूसरा इसमें बुनियादी ढांचे और संवेदनशीलता का ध्यान रखना चाहिए."
यह मानते हुए कि आवारा कुत्ते वास्तव में "सामूहिक, सामुदायिक, मानवीय जिम्मेदारी और कभी-कभी सार्वजनिक सुरक्षा की चिंता" दोनों हैं, रणदीप ने ऐसे समाधानों की आवश्यकता पर जोर दिया जो जानवरों और मनुष्यों, दोनों की सुरक्षा करें. उन्होंने लिखा, "मुझे जानवरों से प्यार है, लेकिन क्या मैं इसे उस परिवार के सामने उचित ठहरा पाऊंगा जिसने रेबीज से किसी प्रियजन को खो दिया है या गंभीर चोटों का सामना किया है? उन्होनों इसके उत्तर में लिखा- नहीं.

उन्होंने आगे लिखा कि आवारा कुत्तों की पूरी आबादी को कहीं बंद करके रखना न तो व्यवहारिक हो सकता है और न ही प्रभावी. इसकी जगह एक्टर ने बड़े पैमाने पर नसबंदी, आक्रामक आवारा कुत्तों को पकड़कर कहीं और बसाने और जिम्मेदारी से गोद लेने को प्रोत्साहित करने जैसे स्थायी उपायों की वकालत की. उन्होंने कहा, "यह एक दीर्घकालिक संभावित समाधान है, जिससे आने वाले वर्षों में ऐसे कुत्तों की संख्या कम होगी. साथ ही, जितना हो सके उतने कुत्तों को गोद लें और वास्तव में उनके लिए जिम्मेदार बनें. मुझे पता है और मैंने ऐसा किया है."
रणदीप की पोस्ट ऐसे समय में आई है जब आवारा कुत्तों पर आए अदालत के फैसले को लेकर लोगों में काफी मतभेद है. इनमें से अधिकतर पशु प्रेमियों का दृष्टिकोण सहानुभूति और व्यावहारिकता से जुड़ा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं