
बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव की 2017 की फिल्म 'बहन होगी तेरी' के एक पोस्टर को लेकर जालंधर कोर्ट में सुनवाई हुई. उनके वकील दर्शन सिंह दयाल ने बताया कि राजकुमार इस सुनवाई में शामिल नहीं हुए. यह मामला 2017 में फिल्म के प्रचार के दौरान एक पोस्टर से शुरू हुआ, जिसमें भगवान शिव की छवि को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी. वकील दर्शन सिंह दयाल ने बताया कि इस पोस्टर के कारण अभिनेता राजकुमार राव, श्रुति हासन, फिल्म के निर्देशक, निर्माता और सह-निर्देशक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. यह केस धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (धारा 295ए), आपराधिक साजिश (धारा 120बी) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत दर्ज हुआ था. इसके चलते राजकुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी हुआ था.
28 जुलाई को राजकुमार राव ने जालंधर कोर्ट में सरेंडर किया और उन्हें सशर्त जमानत मिल गई. वकील ने बताया कि समन गलत पते (दिल्ली) पर भेजा गया था, जबकि राजकुमार मुंबई में रहते हैं, इसलिए उन्हें कोर्ट में पेश होने की जानकारी नहीं मिली. श्रुति हासन को कोर्ट ने पहले ही बरी कर दिया है. फिल्म के निर्देशक अजय के. पन्नालाल ने भी आज कोर्ट में याचिका दायर की.
वकील ने कहा कि राजकुमार ने फिल्म में एक जागरण मंडली के किरदार में भगवान शिव की भूमिका निभाई थी, जो पूरी तरह से कला से जुड़ा था. उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. राजकुमार ने यह भी कहा कि फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से मंजूरी मिली थी, जो दर्शाता है कि फिल्म का कंटेंट कानूनी रूप से आपत्तिजनक नहीं था. साथ ही, उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सुरक्षित है.
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