!['जेलर' की सफलता के बाद बस कंडक्टरों से मिलने पहुंचे रजनीकांत, एक जमाने में बेंगलुरु की बसों में काटते थे टिकट 'जेलर' की सफलता के बाद बस कंडक्टरों से मिलने पहुंचे रजनीकांत, एक जमाने में बेंगलुरु की बसों में काटते थे टिकट](https://c.ndtvimg.com/2023-08/g5mjlk6_jailer_625x300_17_August_23.jpg?downsize=773:435)
अभिनेता रजनीकांत मंगलवार को शहर में बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के उस बस स्टैंड पर पहुंचकर यादों में खो गए, जहां उन्होंने कभी बस कंडक्टर के रूप में काम किया था. रजनीकांत (72) ने जयनगर के बस स्टैंड पर पहुंचकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और बेहद खुश दिख रहे बीएमटीसी के वाहन चालकों, कंडक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ कुछ समय बिताया. शिवाजी राव गायकवाड़ एक समय इस शहर में बस कंडक्टर के रूप में काम करते थे, तब महान तमिल निर्देशक दिवंगत के. बालचंदर की नजर उनपर पड़ी और उन्हें रजनीकांत नाम दिया. उन्हें साल 1975 में आई फिल्म ‘अपूर्वा रागंगल' में पदार्पण का मौका मिला, जो हिट रही. फिल्म में कमल हासन ने भी अभिनय किया था.
रजनीकांत के वहां पहुंचने पर बीएमटीसी के यातायात पारगमन प्रबंधन केंद्र (टीटीएमसी) के कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें चारों तरफ से घेर लिया. रजनीकांत ने कुछ देर उनसे बात की और तस्वीरें भी खिंचवाईं. अभिनेता यहां राघवेंद्र स्वामी मठ भी गए. रजनीकांत ने फिल्म 'श्री राघवेंद्रर' में मुख्य भूमिका निभाई थी, जो माधव संप्रदाय के 16वीं-17वीं शताब्दी के संत-कवि के जीवन पर आधारित थी.
सूत्रों ने कहा कि रजनीकांत का बचपन बेंगलुरु में बीता था और वह 22 साल की उम्र तक शहर में रहे, जिसके बाद फिल्मी करियर को आगे बढ़ाने के लिए चेन्नई स्थानांतरित हो गए. चेन्नई जाने से पहले, उन्होंने पूर्ववर्ती बैंगलोर परिवहन सेवा (बीटीएस) में एक कंडक्टर के रूप में काम किया था, जिसे अब बीएमटीसी के नाम से जाना जाता है. रजनीकांत नेल्सन दिलीपकुमार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘जेलर' के साथ दो वर्ष बाद बड़े पर्दे पर नजर आए हैं. फिल्म इस महीने की शुरुआत में रिलीज हुई थी और बताया जा रहा है कि यह अच्छी कमाई कर चुकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं