बॉलीवुड एक्टर राज कपूर के काम को लेकर जुनून और शानदार फिल्मों के साथ ही उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से काफी मशहूर है. भारतीय सिनेमा के शोमैन भले ही आज हम सभी के बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी दमदार एक्टिंग और काम आज भी जीवंत हैं. श्री 420 की बात हो या आवारा, संगम, बॉबी और सत्यम शिवम सुंदरम हर फिल्म उनकी कहानी बयां करती है. भारतीय फिल्मों का विदेशों तक डंका बजाने वाले राज कपूर ही थे. एक्टिंग, डायरेक्शन, प्रोड्यूसर, स्टोरी राइटर, स्क्रीनप्ले या म्यूजिक हर किसी में उनका इंट्रेस्ट था. हर किसी के दिल में बसने वाले राज कपूर के बारे में कई किस्से हैं लेकिन सबसे ज्यादा उस बात की चर्चा होती है कि उन्हें कभी भी मखमली बिस्तर पर नींद नहीं आती थी. वो हमेशा जमीन पर ही गद्दा लगवाकर सोया करते थे.
जमीन पर गद्दा लगाकर सोते थे राज कपूर
राज कपूर की सादगी के किस्से पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री में मशहूर हैं. सबसे ज्यादा चर्चा होती है उस आदत की जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल राज कपूर के बारे में कहा जाता है कि घर हो या बाहर वो कभी बेड पर नहीं सोते.थे. सोने के लिए उनका गद्दा हमेशा जमीन पर बिछाया जाता था. उन्हें जमीन पर गद्दा बिछाकर सोने में ही नींद आती थी. राज कपूर की बेटी ऋतु नंदा ने एक इंटरव्यू में बारे में बताया.था. यही नहीं राज कपूर साहब जिस होटल में ठहरते थे वहां कमरे के गद्दा जमीन पर बिछा लेते थे.
स्टूडियो में सफाई करते थे राज कपूर
सिर्फ एक्टिंग ही नहीं, डायरेक्शन और बेहतरीन लेखन में भी राजकपूर माहिर थे. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था, जब पिता के ही स्टूडियो में राज कपूर बेहद कम पैसे पर काम करते थे. एक किस्सा ऐसा है कि पृथ्वीराज कपूर को लगता था कि उनके बेटे में उतना दम नहीं है कि वह कोई बड़ा काम कर सके, इसलिए उन्होंने राज कपूर को स्टूडियो में साफ-सफाई का काम दिया था. इसके लिए उन्हें हर महीने सैलरी दी जाती थी. केदार शर्मा ने राज कपूर के टैलेंट को पहचाना था और उन्हें अपनी फिल्म 'नील कमल' में हीरो बनाया.
राज कपूर को डायरेक्टर ने जड़ दिया था थप्पड़
पिता पृथ्वीराज कपूर के कहने पर राज कपूर डायरेक्टर केदार शर्मा की फिल्मों के सेट पर क्लैपर बॉय का काम करते थे. फिल्म 'विषकन्या' की शूटिंग चल रही थी और एक दिन राज कपूर गलती से कैमरे के सामने आ गए. इस गलती को सही करने की हड़बड़ी में राज कपूर का क्लैपबोर्ड एक्टर की दाढ़ी में फंस गया और उसकी दाढ़ी निकल गई. कहा जाता है कि इस बात से केदार शर्मा इतने नाराज हो गए कि उन्होंने राज कपूर को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था. हालांकि बाद में उन्हें काफी अफसोस भी हुआ.
इस तरह राज कपूर को मिली थी पहली फिल्म
राज कपूर के थप्पड़ जड़ने के बाद जब केदार शर्मा को अफसोस हुआ तो उन्होंने अगले ही दिन राजकपूर को सेट पर बुलाया और उन्हें अपनी फिल्म में काम करने को कहा. राज कपूर ने भी तुरंत हां कर दी. इसके बाद फिल्म 'नील कमल' में उन्हें हीरो बनाया गया और मधुबाला के साथ उन्हें काम करने का मौका मिला. इसके बाद राज कपूर की गाड़ी निकल पड़ी और एक के बाद एक जबरदस्त फिल्में दी. उनके नाम 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी हैं. 1971 में पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी उन्हें नवाजा गया.
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