रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा शुक्रवार को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू की तरफ से प्रेसिडेंट भवन में दिए गए सरकारी भोज के साथ खत्म हुआ. इस विदाई शाम में इंडियन मेहमाननवाज़ी, एक खास म्यूज़िकल शोकेस और एक शानदार रीजनल मेन्यू का मिक्स था. मेहमान लीडर को मॉस्को जाने से पहले कल्चरल विदाई मिली.
म्यूज़िकल इवनिंग
डिनर का म्यूज़िकल प्रोग्राम इसके सबसे यादगार हिस्सों में से एक बन गया. प्रेसिडेंट भवन नेवल बैंड ने क्लासिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने वालों के साथ मिलकर दोनों देशों की परंपराओं से प्रेरित एक फ्यूज़न म्यूज़िक पेश किया. इंडियन सेट में अमृतवर्षिनी, यमन, खमाज, भैरवी, शिवरंजिनी, देश और नलिनकंठी जैसे राग शामिल थे. इन्हें रूस के पसंदीदा रागों के साथ बजाया गया, जिसमें कालिंका और चाइकोवस्की के नटक्रैकर सुइट के कुछ गाने शामिल थे.
फिर भी दिल है हिंदुस्तानी क्यों ज़रूरी है
सबसे खास पलों में से एक था बॉलीवुड क्लासिक गाना फिर भी दिल है हिंदुस्तानी की परफॉर्मेंस. यह गाना 2000 की फिल्म फिर भी दिल है हिंदुस्तानी का टाइटल ट्रैक है, जिसे उदित नारायण ने गाया है, जतिन-ललित का म्यूजिक और जावेद अख्तर के लिरिक्स हैं.
इस फिल्म को अजीज मिर्जा ने डायरेक्ट किया था. वहीं शाहरुख खान और जूही चावला लीड रोल में थे. एक कमर्शियल एंटरटेनर होने के बावजूद, यह गाना दशकों से पसंदीदा देशभक्ति एंथम बना हुआ है, जिसे अक्सर पब्लिक इवेंट्स, सेलिब्रेशन और सरकारी मौकों पर बजाया जाता है.
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