नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने छोटे-छोटे किरदारों से फिल्मों में काम करना शुरू किया और उसके बाद एक दिग्गज अभिनेता के तौर पर उभरे. नवाज अपने व्यक्तित्व को लेकर कई बार सुर्खियों में रहे हैं, बावजूद इसके उन्होंने अपने काम से पहचान बनाई और कमर्शियल तथा संजीदा दोनों तरह के सिनेमा में छाप छोड़ी. एनडीटीवी से ख़ास बातचीत के दौरान नवाज ने कहा कि “मैं ऐसे लोगों के किरदार करना चाहता था जो सामने से निकल जाएँ और आप उन्हें नोटिस भी न करें, जैसा डॉक्यूमेंट्रीज में होता है.”
उनसे पूछा गया सवाल यह था कि क़द-काठी और शक्ल-सूरत क्या यह तय करते हैं कि उन्हें किस तरह के किरदार मिलेंगे चाहे व्यक्ति कितना ही हुनरमंद क्यों न हो? इस पर नवाज ने कहा, “तो मुझे मैं इस फील्ड में इसीलिए आया था कि मुझे मेरी तरह के जो इंसान हैं, जो मेरे जैसे दिखने वाले, उस तरह के कैरेक्टर मुझे करने थे. मैं जब डॉक्यूमेंट्रीज देखता था, जब मेरा सिनेमा से कोई ताल्लुक भी नहीं था. मैं सिर्फ फिल्में देखता था तो उस वक़्त जब मैं डॉक्यूमेंट्री देखता था, तो मुझे उन कैरेक्टर्स को देखकर बड़ा मजा आता था. क्या इनको पता नहीं कैमरा कहाँ रखा हुआ है? लेकिन ये कर रहे हैं… तो मैं भी ऐसा कुछ करना चाहता था कि पता न हो, मतलब एक आम आदमी की तरह मैं मर्ज हो जाऊं. और मुझे आज भी उस तरह के कैरेक्टर बहुत अच्छे लगते हैं जो आपके सामने से गुजर जाएं और आपको पता भी न चले, क्योंकि उनको कौन देखेगा? हम हर चीज बहुत अच्छी, बहुत लार्जर दैन लाइफ देखना चाहते हैं. बट व्हाट अबाउट दिस पीपल, यू नो? तो मेरा शुरू से था, फ्रैंकली स्पीकिंग, कि मुझे उस तरह के कैरेक्टर करने हैं. हां, मेरा लुक भी था ऐसा जो हजारों-लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों जैसा लगता है. तो मुझे अच्छे से अच्छा भी लगता था कि थैंक गॉड कि मैं वैसा नहीं, मैं ऐसा हूँ और मैं इस तरह के कैरेक्टर करूंगा. तो डेफिनिटली जब मुझे मिलने थे, वही-वही मिले भी.”
नवाज ने कमर्शियल सिनेमा में लार्जर दैन लाइफ रोल भी किए हैं चाहे वो ‘किक' हो या ‘ठाकरे'. आगे बातचीत में जब उनसे कहा गया कि आपने कमर्शियल सिनेमा वाले किरदारों में भी छाप छोड़ी है, और वहां भी आप लार्जर दैन लाइफ लगे हैं भले ही आप कहते हों कि आप डॉक्यूमेंट्री जैसे किरदार करना चाहते थे तो इस पर नवाज ने कहा, “तो वो तो जैसे चित्रांगदा ने भी कहा… वो फिर आपका हुनर है, आय थिंक. उसमें हर एक्टर एनहांस होता है. हर तरह की फॉर्म में जब आप कैरेक्टर करते हैं, जब आप शेक्सपीयर के प्ले कर रहे हैं, आप मोहन राकेश के प्ले कर रहे हैं, संस्कृत प्ले कर रहे हैं, पारसी थिएटर कर रहे हैं, वहां पर भी अलग-अलग फॉर्म में काम कर रहे हैं. तो मेरे लिए जब हम सो-कॉल्ड कमर्शियल फिल्म बोलते हैं, तो उसमें भी वो एक फॉर्म है और उसी तरह का काम हम वहां करते हैं.”
नवाजुद्दीन जल्द ही इंस्पेक्टर जटिल यादव के किरदार में नजर आने वाले हैं अपनी आने वाली फिल्म ‘रात अकेली है : द बंसल मर्डर्स' में, जिसमें उनके साथ हैं चित्रांगदा सिंह. यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी और 2020 में आई फिल्म ‘रात अकेली है' का सीक्वल है.
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