
दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की 30,000 करोड़ की संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. जहां मामला कोर्ट में पहुंच गया है तो वहीं करिश्मा कपूर की लीगल टीम ने वसीयत की प्रामाणिकता पर गंभीर संदेह जताया है, जिसमें उनकी विधवा प्रिया सचदेव कपूर को एकमात्र लाभार्थी बताया गया है. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि कपूर फैमिली के बीच करिश्मा कपूर और संजय कपूर के बच्चों ने वसीयत की प्रमाणिकता पर संदेह जताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं बाद में रानी कपूर ने उनका भी उनका साथ दिया. जबकि अब संजय कपूर की बहन ने भी वसीयत पर सवाल उठाए हैं.
संदेह को और बढ़ाते हुए करिश्मा के वकील ने बताया कि मई 2025 में, वसीयत पर हस्ताक्षर होने के दो महीने बाद, संजय ने करिश्मा और उनके बच्चों के लिए पुर्तगाली नागरिकता की व्यवस्था करने की कोशिश की थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके अनुसार, इस कदम का उद्देश्य संजय के तीनों बच्चों को विदेशी संपत्तियों पर उत्तराधिकार कर से बचाना था, जिसमें प्रिया सचदेव की विक्रम चटवाल के साथ पिछली शादी से हुई बेटी सफीरा का नाम भी शामिल है. क्योंकि पुर्तगाल में इस तरह का कर नहीं लगाया जाता है.
करिश्मा के वकील ने बताया, "उन्हें बताया गया था कि अगर वह पुर्तगाली नागरिकता लेती हैं तो उन्हें भारतीय नागरिकता छोड़नी होगी, लेकिन इसके लिए उन्होंने इनकार कर दिया." उन्होंने आगे कहा कि यह "थोड़ा हैरान कर देने वाला" था कि संजय ने मार्च में अपनी वसीयत में अपने बच्चों को विदेशी संपत्तियों से अलग रखा, और उसके तुरंत बाद विदेश में उनकी आर्थिक सुरक्षा की योजना बनाई.
गौरतलब है कि संजय कपूर की बहन, मंधिरा कपूर स्मिथ ने करिश्मा कपूर और उनके बच्चे समायरा और कियान का वसीयत में सपोर्ट किया है. रिपब्लिक वर्ल्ड को दिए बयान में मंधिरा ने कहा कि भाई की वसीयत में उनके दो बच्चों का नाम ना होना हैरान करता है. यह उनका कैरेक्टर नहीं था. हम इस पर जरुर सवाल उठाएंगे. हम चिंतित हैं क्योंकि उनके तीन बच्चे हैं.
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