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गरीबी में गुजरा बचपन, इजीनियरिंग करने के बाद कॉलेज में पढ़ाया, इंप्रेस हुए थे दिलीप कुमार औरऑफर कर दी थी एक साथ 2 फिल्में, बाद में बनें गोविंदा की फिल्मों की जान

कादर खान को कॉलेज के प्रोफेसर थे. वह गरीबी में पले-बढ़े थे और फिर जब इस एक्टर ने उनका प्ले देखा तो, दिलीप कुमार को जाकर बताया.

गरीबी में गुजरा बचपन, इजीनियरिंग करने के बाद कॉलेज में पढ़ाया, इंप्रेस हुए थे दिलीप कुमार औरऑफर कर दी थी एक साथ 2 फिल्में, बाद में बनें गोविंदा की फिल्मों की जान
एक्टिंग ही नहीं राइटिंग के भी मास्टर थे कादर खान

दिवंगत एक्टर कादर खान आज भी अपने अभिनय के लिए याद किए जाते हैं. कादर खान एक एक्टर होने के साथ-साथ एक शानदार डायलॉग और स्क्रीन राइटर भी थे. उन्होंने अपनी फिल्मों में ज्यादातर डायलॉग खुद ही लिखे थे. एक्टर के डायलॉग जिंदगी का बड़ा पाठ पढ़ाने के काम आते हैं. उन्होंने ज्यादातर ऐसी फिल्मों के लिए डायलॉग लिखे थे, जिसमें गरीबी, भूख और मजबूर इंसान का संघर्ष नजर आता था. राजेश खन्ना ने पहली बार उन्हें फिल्म रोटी के डायलॉग लिखने से बड़ा ब्रेक दिया था. जिसके बाद उन्होंने कई फिल्मों के लिए डायलॉग और स्क्रीन राइटिंग का काम किया.  वह एक पढ़े-लिखे एक्टर थे और कॉलेज में प्रोफेसर थे.

दिलीप कुमार ने दिलाई सिनेमा में एंट्री

कादर खान का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा था और उन्होंने मां के कहने पर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी. एक्टर ने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था और फिर पांच साल तक कॉलेज में पढ़ाया. एक दिन उन्हें दिलीप कुमार का फोन आया, जिसके बाद उनकी पूरी किस्मत ही पलट गई. दिलीप कुमार ने पहले कादर खान से वीडियो मांगे और फिर दो फिल्में ऑफर कर दी. यह बात साल 1970 से 1975 के बीच है, जब कादर बतौर प्रोफेसर कॉलेज में पढ़ाते थे. इस दौरान कादर ने एक प्ले ताश के पत्ते किया था और कॉमेडियन आगा की नजर उनपर पड़ी और उन्होंने दिलीप साहब को उनके बारे में बताया. दिलीप साहब के ऑफर के बाद कादर खान की हिंदी सिनेमा में एंट्री हो गई. सुपरस्टार ने कादर खान को सगीना और बैरंग जैसी फिल्में ऑफर की थी.

कादर खान का वर्कफ्रंट

एक्टर ने रोटी के साथ-साथ राजेश खन्ना की फिल्म महाचोर, छैला बाबू, धर्म कांटा, फिफ्टी-फिफ्टी, नया कदम और मास्टरजी के लिए डायलॉग लिखे थे. फिर एक्टर ने जितेंद्र की हिम्मतवाला और आमिर की सरफरोश के साथ-साथ कई फिल्मों के डायलॉग लिखे. कादर नाटकों की स्क्रिप्ट लिखते थे और फिर उन्हें फिल्म जवानी-दीवानी की स्क्रिप्ट लिखने के 1500 रुपये मिले थे. उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 250 से ज्यादा फिल्मों के डायलॉग लिखे. 

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