एक हवेली. हवेली में रहने वाला ठाकुर. ठाकुर के परिवार के साथ एक खौफनाक हादसा. फिर एक ठाकुर की बेटी जैस्मिन गायब हो जाती है. फिर एक दिन वह एक रहस्यमय शख्स के साथ घर लौटती है. लेकिन जैस्मिन पर अब हावी हो चुकी होती है, नकीता. इस तरह घर में मच जाता है मौत का तांडव और रहस्यमय घटनाओं की आ जाती है बाढ़. खौफनाक चेहरे, दिल दहला देने वाली आवाजें, और आंखों से नींद का उड़ जाना. जी हां, हम रील लाइफ घटनाओं की बात कर रहे हैं, जो 'वीराना' में घटीं और जिन्हें आज तक नहीं भुलाया गया है.
हम बात कर रहे हैं 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'वीराना' की. इस हॉरर फिल्म को खूब पसंद किया गया था, और जैस्मिन का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस जैस्मिन धुन्ना को आज भी याद किया जाता है. हालांकि इस फिल्म के बाद वह कभी किसी और फिल्म में नजर नहीं आईं. 'वीराना' को रामसे ब्रदर्स श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने डायरेक्ट किया है. फिल्म के कहानी भी रामसे ब्रदर्स ने ही लिखी है. फिल्म में जैस्मिन धुन्ना के अलावा हेमंत बिरजे, सुमित अग्रवाल, कुलभूषण खरबंदा, सतीश शाह, विजयेंद्र घाटगे, गुलशन ग्रोवर और रमा विज मुख्य किरदारों में नजर आए.
रामसे ब्रदर्सन की बाकी फिल्मों की तरह 'वीराना' भी खौफनाक तस्वीरों, पुतलों और आवाजों का खूब इस्तेमाल किया गया. यही नहीं, फिल्म में कॉमेडी और हॉरर का भी मजेदार छौंक देखने को मिला था. अगर बात फिल्म की हीरोइन जैस्मीन की करें तो उन्होंने 1979 में सरकारी मेहमान फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था. 1984 में उनकी फिल्म डिवोर्स आई थी. लेकिन उनकी आखिरी रिलीज फिल्म 'वीराना' थी. इस तरह वीराना के बाद जैस्मिन की कोई फिल्म नहीं आई.
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