
बॉलीवुड स्टार शम्मी कपूर ने 1955 में गीता बाली से शादी की, लेकिन 1965 में चेचक के कारण गीता का निधन हो गया. चार साल बाद, शम्मी ने नीला देवी से शादी कर ली. नीला ज़्यादातर लाइमलाइट से दूर रही हैं और उन्होंने कभी कैमरे पर कोई इंटरव्यू नहीं दिया. हाल में नीला ने ईटाइम्स से एक बातचीत में अपनी बात रखी. इस इंटरव्यू में, नीला ने शम्मी की पहली पत्नी गीता के बारे में बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि गीता ने शम्मी को वह हौसला देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई जिसकी उन्हें ज़रूरत थी.
मौत का लगा गहरा सदमा
नीला देवी ने कहा, "मेरे पति ने मुझे उनके बारे में सब कुछ बताया था. क्या आपको पता है कि वे अपनी कारों में एक-दूसरे से रेस लगाते थे? गीता बाली के निधन ने शम्मी जी को बहुत गहरा सदमा पहुंचाया. वे राज कपूर जी और कृष्णा जी के घर पर रहने लगे थे. उन्होंने लगातार शराब पीना शुरू कर दिया था. कृष्णा जी ने उन्हें वापस उस मुकाम तक पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने आदित्य और कंचन की भी देखभाल की. आदित्य उस समय एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा था और कंचन भी उनके साथ रहने लगी थी. मेरी शादी के बाद, मैं आदित्य को वापस मुंबई ले आई."
ऐसे हुआ गीता-शम्मी को प्यार
नीला ने बताया कि नूतन के साथ रिश्ते के बाद शम्मी जी को गीता से प्यार हो गया था. उन्होंने कहा, "गीता बाली ने शम्मी जी को वो हौसला दिया जिसकी उन्हें ज़रूरत थी. उनका सेंस ऑफ़ ह्यूमर कमाल का था. उन्होंने उन्हें 'रंगीन रातें' की शूटिंग पर अपने साथ चलने के लिए कहा और वह उनके साथ रहना चाहती थीं, इसलिए वह उस फिल्म में एक लड़के का रोल करने के लिए भी राज़ी हो गईं, जिसमें हीरोइन गीता बाली नहीं, बल्कि माला सिन्हा थीं. मुझे लगता है कि नूतन (नूतन और शम्मी कपूर रिलेशनशिप में थे) के रिबाउंड पर उन्हें प्यार हुआ."
हालांकि, गीता ने शम्मी को तुरंत हां नहीं कहा. "गीता बाली ने उन्हें शम्मी कपूर, द रिबेल स्टार बनने में मदद की. 'रंगीन रातें' के सेट पर ही उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो गया और फिर, उन्होंने भी एक रात बाणगंगा में शादी कर ली. हालांकि, उन्होंने तुरंत 'हां' नहीं कहा. यह बहुत दुखद है कि उनकी इतनी जल्दी मृत्यु हो गई,"
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