म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने माने संगीतकार वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) का शुक्रवार को निधन हो गया है. भाटिया के परिवार के करीबी ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. 93 वर्षीय वनराज भाटिया ने अपने मुंबई स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली.
The film industry lost one of the very well known music composers Vanraj Bhatia. He was not well for quite some time.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) May 7, 2021
His body of work has been a great inspiration to many .
Heartfelt condolences to the family of this great music maestro .
ॐ शान्ति !
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. @DirectorsIFTDA mourns the demise of Veteran Music Composer #VanrajBhatia. We pray to the Almighty to bless his noble soul and give courage to his bereaved family to bear the irreplaceable loss. pic.twitter.com/sghZvC4R3z
— Iftda India (@DirectorsIFTDA) May 7, 2021
वनराज भाटिया ने एक नहीं बल्कि कई बड़ी मशहूर फिल्मों में संगीत दिया है. उन्होंने 'जाने भी दो यारों', 'तरंग', 'द्रोह काल', 'अजूबा', 'बेटा', 'परदेस', 'चमेली और रूल्स: प्यार का सुपरहिट फॉर्मुला', 'खानदान' जैसी कई फिल्मों में उनका शानदार काम देखा जा सकता है. उन्हें साल 1988 में गोविंद निहलानी के धारावाहिक 'तमस' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. वहीं साल 2012 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
RIP #VanrajBhatia .. apart from the many other brilliant musical works he created, I vividly remember the theme of ‘Tamas' that started with a shriek so filled with anguish, it could send a chill up anyone's spine and break anyone's heart.
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) May 7, 2021
बता दें कि उनका जन्म 31 मई 1924 को मुंबई में हुआ. यहीं से उन्होंने शिक्षा ली. मुंबई के एलिफिन्सटन कॉलेज से स्नातक करने के बाद भाटिया ने लंदन और पेरिस में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लेने गए. वतन वापसी के बाद भाटिया विज्ञापन जगत से जुड़ गए और 6,000 विज्ञापन जिंगल के लिए काम किया.
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