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62 साल पहले आई थी भोजपुरी सिनेमा की ऐसी फिल्म, जिसे चप्पल उतारकर देखते थे लोग, बैलगाड़ियों में भर कर थिएटर पहुंचते थे दर्शक

आज हम आपको भोजपुरी सिनेमा की ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे देखने के लिए दर्शक   थिएटर के बाहर चप्पल उतारकर आते थे. आइए जानते हैं, इस फिल्म के बारे में.

62 साल पहले आई थी भोजपुरी सिनेमा की ऐसी फिल्म, जिसे चप्पल उतारकर देखते थे लोग, बैलगाड़ियों में भर कर थिएटर पहुंचते थे दर्शक
62 साल पहले आई थी ये भोजपुरी फिल्म
नई दिल्ली:

Ganga Maiya Tohe Piyari Chadhaibo : बॉलीवुड- हॉलीवुड के बारे में हम सभी जानते है, लेकिन आज हम आपको भोजपुरी सिनेमा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी एक फिल्म ने तहलका मचा दिया था. बता दें,  62 साल पहले आई इस फिल्म ने ऐसा इतिहास रच दिया था कि इसे देखने के लिए लोग उस समय बैलगाड़ियां और ट्रैक्टर से आते थे. यही नहीं फिल्म देखने के लिए दर्शक थिएटर के अंदर चप्पल पहन कर नहीं जाते थे. आइए जानते हैं, इस फिल्म के बारे में.

1963 में रिलीज हुई थी भोजपुरी सिनेमा की ये फिल्म

सबसे पहले आपको बता दें, भोजपुरी सिनेमा की पहली फिल्म में एक्टर नजीर हुसैन नजर आए थे, जिनकी एक्टिंग को खूब पसंद किया जाता है. उन्होंने ही राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के दी गई हिम्मत के बाद भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत की थी. वहीं हम जिस फिल्म के बात कर रहे हैं, उसका नाम 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ैबो' है. इस फिल्म में  नजीर हुसैन के साथ कई बड़े कलाकार शामिल थे. फिल्म 1963 में रिलीज हुई थी और सबसे खास बात यह है कि फिल्म में गाना लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने गाए थे. फिल्म  'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो'  की जान उसकी कहानी थी. दरअसल फिल्म की कहानी राइटर आचार्य शिवपूजन सहाय की शॉर्ट स्टोरी 'कहानी का प्लॉट' से ली गई थी.

फिल्म को देखने के लिए पागल हो गए थे दर्शक

22 फरवरी 1963 को पटना के सिनेमाघर में जब फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' लगी थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि फिल्म को देखने के लिए लोग इतने पागल हो जाएंगे. बता दें, देखते ही देखते फिल्म को देखने के लिए भीड़ बढ़ती गई. एक समय तो ऐसा आया था,जब लोगों को थिएटर के बाहर भीड़ लगाकर खड़ा होना पड़ता था. यही नहीं लोग फिल्म को देखने के लिए दूर- दूर से बैलगाड़ियों में भरकर पहुंचे थे और चप्पल उतारकर थिएटर के अंदर जाते थे. वहीं फिल्म को लेकर दीवानापन इतना था कि अगर टिकट नहीं मिलती थी, तो लोग थिएटर की बाहर की रात बिताया करते थे.

फिल्म की मनाई गई सिल्वर जुबली, मिले कई अवॉर्ड्स
फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' को लोगों ने काफी पसंद किया था. खासकर इसके गानों को. जो लोगों की जुबान पर उस समय चढ़ चुके थे. बता  दें,  कोलकाता में इस फिल्म की सिल्वर जुबली मनाई थी और इस दौरान फिल्म को बेस्ट फिल्म, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, बेस्ट लिरिक्स, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट प्लेबैक सिंगर समेत कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था.

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