विज्ञापन

2025 रहा इन अभिनेताओं के सबसे दमदार प्रदर्शन के नाम, रणवीर सिंह ने जीत लिया सबका दिल

पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले वर्ष 2025 में कई बेहतरीन फिल्मों में एक्टर्स के दमदार परफॉर्मेंस ने यह साबित कर दिया कि थिएट्रिकल अनुभव की बराबरी कोई नहीं कर सकता.

2025 रहा इन अभिनेताओं के सबसे दमदार प्रदर्शन के नाम, रणवीर सिंह ने जीत लिया सबका दिल
2025 रहा इन अभिनेताओं के सबसे दमदार प्रदर्शन के नाम
नई दिल्ली:

पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले वर्ष 2025 में कई बेहतरीन फिल्मों में एक्टर्स के दमदार परफॉर्मेंस ने यह साबित कर दिया कि थिएट्रिकल अनुभव की बराबरी कोई नहीं कर सकता. ऐतिहासिक गाथाओं से लेकर प्रेरणादायक बायोपिक्स, दिल छू लेने वाली रोमांस कहानियों और शानदार डेब्यू तक, इस साल सब कुछ रहा और इन फिल्मों में प्रमुख अभिनेताओं ने अपनी गहराई, दृढ़ता और स्टार-पावर से सबका दिल जीत लिया. फिलहाल आइए देखते हैं, किस हीरो ने वर्ष 2025 में सबसे गहरा थिएट्रिकल प्रभाव छोड़ा.

अक्षय कुमार – 'केसरी चैप्टर 2'

 'केसरी चैप्टर 2' से अक्षय कुमार एक बार फिर देशभक्ति और ऐतिहासिक गौरव की उस दुनिया में लौटे, जो हमेशा से उनकी ताकत रही है और इस फिल्म के ज़रिए भी अक्षय ने अपने दमदार अभिनय के साथ एक एक प्रबल और दिल छू लेने वाली फिल्म परोसी थी. इसके अलावा एक्शन में उनकी सहजता, भावनात्मक दृश्यों में मजबूती और दर्शकों से उनका गहरा जुड़ाव, फिल्म की रीढ़ बनकर उभरा था. हालांकि ऐतिहासिक वीरता को लगातार इतनी ईमानदारी से दिखाने वाले कलाकारों में अक्षय कुमार का कोई मुकाबला नहीं है.

रणवीर सिंह – 'धुरंधर'

अपने हर किरदार से दर्शकों को कुछ नया देनेवाले रणवीर सिंह ने 'धुरंधर' में एक बार फिर खुद को पूरी तरह से बदल दिया है. रंगीन मिजाज़ और भावनात्मक रूप से जटिल इस किरदार को रणवीर ने जिस खूबसूरती से निभाया है, उससे उनकी इमर्सिव एक्टिंग तकनीक का सबूत मिलता है. हालांकि अपने किरदार में विस्फोटक ऊर्जा और गहरी बारीकियां लानेवाले रणवीर हर बार कुछ ऐसा कर गुजरते हैं कि फिल्म की जान बन जाते हैं. यही वजह है कि अपनी स्क्रीन-पावर और कहानी पर पकड़ उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे दमदार थिएट्रिकल कलाकारों में मजबूती से स्थापित करती है.

विक्की कौशल – 'छावा'

ऐतिहासिक और भावनात्मक भूमिकाओं में अपनी महारत के लिए जाने जाने वाले विकी कौशल ने 'छावा' के साथ अपने करियर में एक और मील का पत्थर जोड़ा है. फिल्म 'छावा' में विक्की ने साहस, सम्मान और भावनात्मक गहराई से भरे एक महत्वपूर्ण किरदार को जिस तरह से पेश किया है, उसने दर्शकों में उनके हीरोइज्म को और मजबूत कर दिया है. विशेष रूप से युद्ध दृश्यों में दमदार उपस्थिति और भावनात्मक दृश्यों में उनकी संवेदनशीलता, फिल्म को एक प्रभावी थिएट्रिकल अनुभव बनाते हैं. ऐसे में विक्की एक बार फिर ये साबित करते हैं कि वे आज के समय के सबसे भरोसेमंद और रूपांतरकारी अभिनेताओं में से एक हैं.

सिद्धांत चतुर्वेदी – 'धड़क 2'

 'धड़क 2' में सिद्धांत चतुर्वेदी की एक्टर के रूप में प्रगति साफ झलकती है. प्यार, संघर्ष और भावनात्मक उथल-पुथल से भरे इस किरदार में उन्होंने अब तक का सबसे बेहतरीनऔर परिपक्व प्रदर्शन किया है. यही वजह है कि दर्शकों के साथ आलोचकों ने भी न सिर्फ उनके अभिनय का  लोहा माना, बल्कि उनके अभिनय को  “नेशनल अवॉर्ड योग्य” बताया. अपनी भावनाओं, दृढ़ता और संयमित प्रदर्शन से सबकी तारीफ बटोरनेवाले सिद्धांत ने 'धड़क 2' में व्यक्तिगत इच्छाओं और सामाजिक दबाव के बीच टूटते संतुलन को जिस प्रभावशाली ढंग से पकड़ा है, उससे एक रोमांटिक फिल्म भी मानवीय गाथा में बदल गई है. सच पूछिए तो 'धड़क 2' के साथ वे न सिर्फ फिल्म को ऊंचाई देते हैं, बल्कि अपनी पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली थिएट्रिकल कलाकारों में शुमार भी हो जाते हैं.

अहान पांडे – 'सैयारा'

'सैयारा' के साथ अहान पांडे ने जिस तरह आत्मविश्वास, स्क्रीन-प्रेज़ेंस और भावनात्मक पकड़ के साथ अपने दर्शकों को चौंकाया है, उसने न सिर्फ पूरी फिल्म इंडस्ट्री बल्कि आलोचकों को भी उनका मुरीद बना लिया है और साल की सबसे प्रभावशाली थिएट्रिकल डेब्यू परफॉर्मेंस में से एक बन गए हैं. अहान पांडे की काबिलियत इस बात में भी झलकती है कि किस तरह उन्होंने एक ऐसी भूमिका को पूरी परिपक्वता से निभाया, जिसके लिए आकर्षण और तीव्रता दोनों की ज़रूरत है. इससे उन्होंने साबित कर दिया है वे बड़े पर्दे पर एक मास-अपील और परफॉर्मेंस बेस्ड फिल्म दोनों को मजबूती से संभाल सकते हैं. ऐसे में वर्ष 2025 के सबसे मजबूत डेब्यू में से एक अहान को निश्चित रूप से एक ऐसे उभरते सितारे के रूप में देखना चाहिए, जिन पर सभी की नज़रें गड़ी हुई है.

आदर्श गौरव – 'सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव'

आदर्श गौरव की सबसे बड़ी ताकत है, उनकी सच्चाई और उनकी फिल्म 'सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव' उनके इसी गुण को खूबसूरती से सामने लाती है. उन्होंने एक छोटे शहर के सपने देखने वाले युवक की आदर्श मासूमियत, ईमानदारी और भावनात्मक वास्तविकता को जिस तरह पर्दे पर निभाया है, वो काबिले गौर है. सिर्फ यही नहीं उन्होंने फिल्ममेकर्स की उम्मीदों, संघर्ष और रचनात्मक दुनिया की आत्मा को भी सहजता से पकड़ लिया है. उनका प्रदर्शन साबित करता है कि असर हमेशा ऊंची आवाज़ या भारी भावनाओं से नहीं आता, बल्कि कई बार शांत, ईमानदार अभिनय भी सबसे लंबे समय के लिए दिलों में बस जाता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com