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This Article is From Jul 12, 2018

2019 से पहले की BJP की रणनीति...

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जुलाई 12, 2018 17:55 pm IST
    • Published On जुलाई 12, 2018 17:55 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 12, 2018 17:55 pm IST
BJP अध्यक्ष अमित शाह बिहार में हैं और वहां सरकार बनने के बाद पहली बार नीतीश कुमार से मुलाकात की है... नाश्ते पर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है, और डिनर पर भी होगी... आखिर मतलब क्या है इन मुलाकातों का... एक तरफ BJP जम्मू एवं कश्मीर में PDP से गठबंधन तोड़ लेती है और अब PDP के विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने की बात कर रही है... वहीं, बिहार में लगता है कि BJP नीतीश कुमार का दामन नहीं छोड़ना चाहती... मगर बिहार में दोनों का समझौता इतना आसान भी नहीं है... वजह हैं मौजूदा हालात... अभी मौजूदा लोकसभा में BJP के बिहार से 22 सांसद हैं और JDU के पास दो, जबकि 10 सीटें सहयोगी दल रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के पास हैं...

सबसे पहले BJP गठबंधन से अलग होने वाली TDP ने BJP पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था... TDP का कहना है कि गठबंधन बनाते वक्त BJP ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट का दर्जा दिए जाने की बात कही थी... चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि तेलंगाना बनने के बाद आंध्र प्रदेश की हालत वैसी नहीं रही, जैसी पहले थी... मगर अब BJP मुकर गई है... अब TDP संसद के आने वाले मॉनसून सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली है... वैसे भी देखें तो BJP के सहयोगी दलों की संख्या लगातार घटती जा रही है... JDU की नाराज़गी की वजह भी कुछ यही है, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनाव प्रचार के दौरान बिहार को हज़ारों करोड़ रुपये का पैकेज देने की बात कही थी, मगर अब उस पर कुछ नहीं हो रहा है... यही नहीं, नीतीश कुमार की नाराज़गी की वजह बाढ़ राहत पैकेज भी है, जिसमें राज्य द्वारा मांगी गई रकम से कम दिया गया... यही नहीं, JDU को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली...

अब ज़रा झारखंड की बात करते हैं... वहां BJP के सहयोगी AJSU, यानी ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट यूनियन अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में है... गोमियो का उपचुनाव JMM जीती, AJSU दूसरे नंबर पर थी और BJP तीसरे पर... जबकि सिल्ली उपचुनाव JMM ने AJSU के सुदेश महतो को हराकर जीता...  वहीं पश्चिम बंगाल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा NDA से अलग हो चुका है... इस मोर्चे ने BJP को 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में मदद दी थी... यदि उत्तर प्रदेश की बात करें, तो NDA में तनातनी बढ़ी है, ओमप्रकाश राजभर नाराज हैं... उपचुनावों में हार के बाद सहयोगी दल दबाव बनाने में जुटे हैं... खुद BJP उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल छोटा करने के पक्ष में है... उत्तर प्रदेश में BSP-सपा गठबंधन से NDA खेमे में खलबली मची हुई है... कुल मिलाकर 2019 के आम चुनाव से पहले BJP को अपनी रणनीति पर विचार करने की ज़रूरत है और कमर कसने की भी... अमित शाह का राज्यों का दौरा और खासकर बिहार में नीतीश कुमार पर डोरे डालना भी इसी रणनीति का हिस्सा है...

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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