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This Article is From Feb 13, 2024

कभी भूखा सोया तो कभी मंदिर का प्रसाद खाकर किया गुजारा, सड़क किनारे बेचे बल्ब, अब भोजपुरी इंडस्ट्री पर राज करता है ये एक्टर

आज हम आपको भोजपुरी स्टार यश के स्ट्रगल के दिनों के किस्से बता रहे हैं जब पैसे की तंगी के चलते वो कई बार भूखे ही सो जाया करते थे.

कभी भूखा सोया तो कभी मंदिर का प्रसाद खाकर किया गुजारा, सड़क किनारे बेचे बल्ब, अब भोजपुरी इंडस्ट्री पर राज करता है ये एक्टर
यश कुमार
नई दिल्ली:

किसी भी चीज को शिद्दत से पाने की कोशिश करो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की साजिश में लग जाती है. ये डायलॉग तो हर किसी को याद ही होगा. जब आप किसी भी काम को करने के लिए पूरी कोशिश करत हैं तो आखिर में आप उसे पा ही लेते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ भोजपुरी एक्टर यश कुमार के साथ. यश के लिए भोजपुरी इंडस्ट्री में जगह बनाना आसान नहीं था. उन्होंने इसके लिए बहुत स्ट्रगल किया है. यश कुमार ने अपनी जिंदगी में बहुत मेहनत की है. एक टाइम ऐसा था जब एक्टर को भूखे पेट सोना पड़ा था. उनकी मेहनत रंग लाई और वो एक बेहतरीन एक्टर बन गए.

10 साल तक किया स्ट्रगल
यश कुमार बलिया के रहने वाले हैं. उनके लिए मुंबई आना ही अपने आप में एक स्ट्रगल था. जैसे-तैसे वो मुंबई आए और शुरू हो गया स्ट्रगल. एक्टर बनना आसान नहीं था. शुरुआत में जब पैसे खत्म हो गए कई दिन तक भूखे भी सोना पड़ा. अपना खर्चा चलाने के लिए यश ने टैक्सी चलाने का फैसला कर लिया. यश ने 2002 से 2012 तक स्ट्रगल किया है. एक इंटरव्यू में यश ने बताया था कि इस दौरान उन्होंने कई रातें भूखे सोकर ही बिताईं.

रोड पर बेचे बल्ब
यश ने बताया था कि एक समय ऐसा आया था जब उन्होंने पैसे कमाने के लिए सड़क किनारे खड़े होकर सीएफएल बल्ब भी बेचे थे. कई बार पैसे नहीं होते थे तो मंदिर में जाकर खाना खा लिया करते थे.

ऐसे खुली किस्मत
यश ने बताया था कि उन्होंने टैक्सी चलाने का फैसला ले लिया था. उसके बाद उन्हें 'दिलदार संवरिया' फिल्म ऑफर हुई और बस यहीं से उनकी किस्मत बदल गई. यश अपनी पहली ही फिल्म से इंडस्ट्री में छा गए. उन्होंने इंडस्ट्री में अब अपनी अलग पहचान बना ली है. उनकी हर फिल्म अब हिट साबित होती है और लाखों लोग फॉलो करते हैं.

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