अगले 48 घंटे में मुंबई और महाराष्ट्र में भारी से भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है. मंगलवार को मुंबई, पुणे सहित महाराष्ट्र भर में दीवार गिरने से 31 लोगों की मौत हो गई. पुणे में पिछले हफ्ते दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बारिश के कारण महाराष्ट्र भर में दीवार गिरने से 46 लोगों की मौत हुई है. मुंबई में ही बारिश के कारण अलग-अलग दुर्घटनाओं में 25 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. पुराना अनुभव अब काम नहीं आएंगे. मुंबई की बारिश कभी भी धोखा दे सकती है. मुंबई में समंदर के अलावा नदियों और दलदली ज़मीन का अपना एक सिस्टम बना हुआ था. हम धीरे-धीरे उन पर कब्ज़ा करते चले गए. ये प्राकृतिक सिस्टम महानगर की सुरक्षा के उपकरण थे. अपने आस पास देखिए. प्राकृतिक आपदाओं का स्केल बड़ा होता जा रहा है. बीएमसी की तैयारी तबाही के असर को कुछ कम कर सकती है मगर तबाही नहीं टाल सकेगी. जिन लोगों की बनाई नीतियों के ये परिणाम हैं उन पर बीएमसी का ज़ोर नहीं चलेगा. अब देखिएगा. यहां से भाषा बदलेगी. उस भाषा को ग़ौर से नोट कीजिए. जब आप पूछेंगे कि इस तबाही का ज़िम्मेदार कौन है, कैसे इस तबाही से बचें तो जवाब आएगा हम सबको मिलकर सामूहिक रूप से जिम्मेदारी उठानी होगी. जब भी लापरवाही का स्तर हद से ज्यादा हो जाता है, लापरवाही सामूहिक बताई जाने लगती है और उन्हें बचा लिया जाता है जो कुर्सी पर बैठते हैं. बजट पास करते हैं, योजनाएं बनाते हैं. आम लोग ज़िम्मेदार हो जाते हैं.