भीमा कोरेगांव मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब दाखिल किया है. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. क्योंकि गिरफ्तार लोगों से अनजान लोगों की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए.महाराष्ट्र पुलिस के एसीपी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि पांचों गिरफ्तार आरोपी समाज में अफरातफरी मचाने के प्रयास में थे, वो हिंसा फैलाने के अपवित्र इरादों का हिस्सा हैं. इन पांचों के खिलाफ भरोसेमंद सबूत मिले तब जाकर गिरफ्तारी की गई. इन्हें सरकार से मतभेद या असहमति जताने पर गिरफ्तार नहीं किया गया.