भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है. इसे छिपाने की तमाम कोशिशों के बीच आज जीडीपी के आंकड़े ने ज़ख्मों को बाहर ला दिया है. सड़क पर बेरोज़गारों की फौज पुकार रही है कि काम नहीं है, दुकानदारों की फौज कह रही है कि मांग रही है और उद्योग जगत की फौज पुकार रही है कि न पूंजी है, न मांग है और न काम है. नेशनल स्टैस्टिकल ऑफिस के आंकड़ों ने बता दिया कि स्थिति बेहद ख़राब है. छह साल में भारत की जीडीपी इतना नीचे नहीं आई थी. तिमाही के हिसाब से 25 तिमाही में यह सबसे ख़राब रिपोर्ट है. 2013 की पहली तिमाही की जीडीपी 4.3 प्रतिशत थी, उसके बाद इस साल की पहली तिमाही की जीडीपी सबसे कम है. नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई थी. तब कहा गया था कि आने वाले समय में अच्छा होगा. फिर 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुई, कहा गया कि आने वाले समय में अच्छा होगा. लेकिन अभी तक वो समय नहीं आया है.