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अफ़वाह बनाम हक़ीक़त : हर्ड इम्यूनिटी के लिए वैक्सीनेशन की तेज़ रफ़्तार भी ज़रूरी

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कोरोना वायरस महामारी का जैसे-जैसे वक्त गुजरते जा रहा है, इसके बारे में नई-नई बातें सामने आ रही हैं. पहले कहा जा रहा था कि 80 से 70 फीसदी हमारी इम्यूनिटी जनसंख्या के अंदर आ जाती है. उतने लोगों के अंदर एंटीबॉडीज आ जाती है, अगर उन्हें वैक्सीन लग जाता है तो हमें हर्ड इम्यूनिटी मिल जाएगी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब कई विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक 90 फीसदी जनसंख्या में इम्यूनिटी नहीं आ जाएगी, तब तक हम हर्ड इम्यूनिटी का थ्रेशोल्ड क्रॉस नहीं कर पाएंगे. इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि हमें टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाना होगा. क्योंकि डेल्टा म्यूटेशन के साथ जो अब वायरस है, उस पर हर्ड इम्यूनिटी का स्तर भी बढ़ चुका है. ऐसे में जो टीके लग रहे हैं उनका असर कम हो रहा है.



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