Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जुलाई 2, 2020 09:09 AM IST भारत में एडिटर्स गिल्ड, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को कम से कम सर्वे तो करना ही चाहिए कि कितने फ्री-लांस, पूर्णकालिक, रिटेनर, स्ट्रिंगर, अंशकालिक पत्रकारों की नौकरी गई है. सैलरी कटी है. उनकी क्या स्थिति है. इसमें टेक्निकल स्टाफ को भी शामिल किया जाना चाहिए. पत्रकारों के परिवार भी फीस और किराया नहीं दे पा रहे हैं.