भारत के प्रधानमंत्री ने सूचना व प्रसारण मंत्रालय के उस फैसले को वापस ले लिया जिसके विरोध में मंगलवार सुबह से पत्रकारों के बीच हलचल थी. सोमवार शाम को सूचना व प्रसारण मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी होती है कि अगर किसी पत्रकार को फेक न्यूज़ गढ़ते हुए या उसके फैलाने में भागीदार पाया गया तो उसकी सरकारी मान्यता हमेशा के लिए रद्द कर दी जाएगी. न्यूज़ फेक है या नहीं इसका फैसला प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और News Broadcasters Association (NBA),करेगा.