Blogs | गिरीन्द्रनाथ झा |गुरुवार दिसम्बर 22, 2016 12:49 AM IST देखते-देखते चनका रेसीडेंसी के पहले गेस्ट राइटर इयान वुलफोर्ड का एक हफ्ते का चनका प्रवास खत्म हो गया. उनके संग हम सात दिन रहे. वे चनका में ग्रामीण संस्कृति, ग्राम्य गीत और खेत-पथार को समझ-बूझ रहे थे और मैं इस रेणु साहित्य प्रेमी को समझने-बूझने में लगा था. रेणु मेरे प्रिय लेखक हैं, वे मेरे अंचल से हैं. मुझे वे पसंद हैं 'परती परिकथा' के लिए और लोकगीतों के लिए. इयान वुलफोर्ड भी रेणु साहित्य में डूबकर कुछ न कुछ खोज निकालने वालों में एक हैं.