'क्षेत्रीय पार्टियां'

- 20 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Uttar Pradesh | Reported by: भाषा |रविवार मार्च 26, 2023 06:04 PM IST
    सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने हमेशा उनका नुकसान किया है.’’
  • India | सूर्यकांत पाठक |गुरुवार मार्च 23, 2023 12:13 AM IST
    लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, विपक्ष की एकजुटता की कवायद तेज होने के साथ-साथ इस पर सवाल भी उठते जा रहे हैं. साल 2024 से पहले मौजूदा वर्ष 2023 में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और छह राज्यों के चुनाव होने हैं. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव हो चुके हैं. कर्नाटक, मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव आने वाले समय में होने हैं. लोकसभा चुनाव से पहले 'सेमीफाइनल' कहे जा रहे इन विधानसभा चुनावों के परिणामों से कुछ हद तक यह साफ हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) के खिलाफ विपक्ष लोकसभा चुनाव में कितना एकजुट होगा और कैसा प्रदर्शन करेगा? फिलहाल पूर्वोत्तर के राज्यों के नतीजों ने सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) को आईना दिखा दिया है. इन चुनाव परिणामों से यह भी साफ हो गया है कि क्षेत्रीय पार्टियां अपने राज्यों में भी अपने बलबूते सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहीं.  
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: विजय शंकर पांडेय |शनिवार मार्च 11, 2023 08:00 AM IST
    भाजपा दक्षिण के राज्यों पर अब ध्यान केंद्रीत कर रही है. 1 मार्च को जे पी नड्डा ने कर्नाटक में पार्टी की ‘विजय संकल्प यात्रा' का पहला चरण शुरू किया.
  • India | Written by: पंकज सोनी |गुरुवार दिसम्बर 8, 2022 08:47 AM IST
    देश में फिलहाल तीन तरह की पार्टियां हैं. राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टियां. भारत में अभी 7 राष्ट्रीय पार्टियां (national parties) हैं, जबकि राज्य स्तरीय दल 35 और क्षेत्रीय दलों (Regional parties) की संख्या करीब साढ़े तीन सौ है.
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार मई 19, 2022 05:22 PM IST
    बीजेपी अध्‍यक्ष ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिरोमणि अकाली दल, इंडियन नेशनल लोक दल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और शिव सेना सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये क्षेत्रीय पार्टियां अब परिवारवादी पार्टियों में बदल गई हैं.
  • Blogs | अखिलेश शर्मा |सोमवार जून 21, 2021 03:57 PM IST
    इनमें छह क्षेत्रीय दलों के ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री हैं. ममता बनर्जी को मिला कर सात हो जाते हैं. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लेफ्ट पार्टियां भी साथ आ सकती हैं. यानी विपक्ष के शासन वाले 12 राज्यों को एक मंच पर लाने का प्रयास हो रहा है. इसमें प्रमुख भूमिका चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर निभा रहे हैं.
  • India | Reported by: भाषा |सोमवार मार्च 1, 2021 06:50 AM IST
    औरंगाबाद में एक पूर्व पार्षद द्वारा आयोजित ‘जयभीम महोत्सव’ में राउत ने कहा, “राजग (एनडीए) के सहयोगी अलग हो चुके हैं और अब ऐसा कोई गठबंधन नहीं है. उसी प्रकार संप्रग के साथ बहुत कम पार्टियां हैं. कई क्षेत्रीय पार्टियां संप्रग (यूपीए) में कांग्रेस के नेतृत्व में काम करने को तैयार नहीं हैं. इसलिए वर्तमान सरकार के विरुद्ध एक समूह खड़ा करने के लिए संप्रग को फिर से गठित करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “ऐसे नए गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को करना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो भविष्य में और पार्टियां गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. लेकिन कांग्रेस की सहमति के बिना यह संभव नहीं है. (पुनर्गठित) गठबंधन का भविष्य कांग्रेस के बलिदान और उदारता पर निर्भर करेगा.”
  • Blogs | स्वाति चतुर्वेदी |गुरुवार दिसम्बर 24, 2020 02:03 PM IST
    बनर्जी और पवार, दोनों ने अपनी-अपनी क्षेत्रीय पार्टियां बनाने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थीं. दोनों नेताओं ने संघीय ढांचे पर मोदी सरकार के हमले को उजागर करने की योजना बनाई है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार अप्रैल 9, 2019 04:05 PM IST
    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  के वायनाड में चुनाव लड़ने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि कांग्रेस का अब पूरा फोक दक्षिण के राज्यों में पैठ बनाने की है क्योंकि उत्तर भारत में उसे क्षेत्रीय दलों जैसे उत्तर प्रदेश में सप-बसपा और बिहार में आरजेडी सहित कई अन्य पार्टियां तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में बीजू जनता दल से पार पाना इतना आसान नहीं होगा और उसे इन राज्यों में बीजेपी के साथ-साथ इन पार्टियों के बराबर वोटबैंक बढ़ाना होगा जो कि इतना आसान नहीं है.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार अप्रैल 26, 2019 10:35 AM IST
    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  के वायनाड में चुनाव लड़ने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि कांग्रेस का अब पूरा फोक दक्षिण के राज्यों में पैठ बनाने की है क्योंकि उत्तर भारत में उसे क्षेत्रीय दलों जैसे उत्तर प्रदेश में सप-बसपा और बिहार में आरजेडी सहित कई अन्य पार्टियां तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में बीजू जनता दल से पार पाना इतना आसान नहीं होगा और उसे इन राज्यों में बीजेपी के साथ-साथ इन पार्टियों के बराबर वोटबैंक बढ़ाना होगा जो कि इतना आसान नहीं है.
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