Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |सोमवार अगस्त 15, 2016 12:07 AM IST यदि मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला ने अपने 16 साल से जारी भूख हड़ताल को खत्म करने की तारीख को पांच दिन आगे बढ़ा दिया होता, तो देश की स्वंत्रता दिवस के साथ उसका एक सुखद संयोग बैठ सकता था. यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो निश्चित रूप से उसके पीछे कोई सोचा-समझा विचार जरूर होगा.