'अप्राकृतिक यौन संबंध'

- 16 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: भाषा |सोमवार अगस्त 14, 2023 03:50 AM IST
    वर्ष 2017 में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के पारित होने तक आत्महत्या का प्रयास आईपीसी की धारा 309 के तहत एक दंडनीय अपराध था.
  • India | Reported by: भाषा |रविवार सितम्बर 26, 2021 05:16 AM IST
    महाराष्ट्र के नागपुर में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार करने और सात वर्षीय भतीजे के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
  • India | Reported by: भाषा |शनिवार सितम्बर 28, 2019 12:18 PM IST
    सीबीआई ने फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल), रोहिणी के पूर्व उप निदेशक एके श्रीवास्तव और एक वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला रेप और अप्राकृतिक यौन संबंध एवं हत्या के तीन मामलों में डीएनए परीक्षण पर उनकी राय में कथित विसंगतियों को लेकर दर्ज किया गया है जिससे आरोपियों को मदद मिली.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |रविवार जुलाई 7, 2019 11:30 PM IST
    एक बॉयज होम में रहने वाले बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने व उनका शोषण करने के आरोप में रविवार को एक ईसाई पादरी को गिरफ्तार किया गया है. पल्लुरूथी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बच्चों के माता-पिता की शिकायत के आधार पर पादरी को गिरफ्तार किया गया है.
  • File Facts | Edited by: अरुण बिंजोला |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 02:34 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरूवार को एकमत से 158 साल पुरानी आईपीसी की धारा 377 (Section 377) के उस हिस्से को निरस्त कर दिया जिसके तहत परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अप्राकृतिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे में रखने वाली धारा 377 (Section 377) के हिस्से को तर्कहीन, सरासर मनमाना और बचाव नहीं किये जाने वाला करार दिया. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा शामिल हैं. संविधान पीठ ने धारा 377 (Section 377) को आंशिक रूप से निरस्त करते हुये इसे संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला करार दिया. पीठ ने चार अलग अलग परंतु परस्पर सहमति के फैसले सुनाये.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:56 PM IST
    समलैंगिकता अपराध है या नहीं, ( Homosexuality) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है. समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया और कहा कि समलैंगिक संबंध अब से अपराध नहीं हैं. संविधान पीठ ने सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध को एक मत से अपराध के दायरे से बाहर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया. 
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:46 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
  • India | आईएएनएस |शुक्रवार जुलाई 20, 2018 07:36 AM IST
    पत्नी पर अप्राकृतिक यौनकर्म करने के लिए दबाव डालने वाले पति के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई केरगा. याचिका में महिला ने कहा है कि विवाह के चार साल के दौरान पति ने उस पर ओरल सेक्स करने का दबाव डाला. जस्टिस एन. वी. रमना और जस्टिस एम. एम. शांतनगौदार ने महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई के दौरान जवाब देने को कहा है. महिला का आरोप है कि उनकी सहमति के बगैर पति-पत्नी के बीच यौन संबंध की फिल्में भी बनाईं. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार जनवरी 8, 2018 06:48 PM IST
    समलैंगिकता एवं अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताने वाली धारा-377 पर सुप्रीम कोर्ट फिर से विचार करेगा. कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नाज फाउंडेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है क्योंकि हमे लगता है कि इसमें संवैधानिक मुद्दे जुड़े हुए हैं. दो वयस्कों के बीच शारीरिक संबंध क्या अपराध हैं, इस पर बहस जरूरी है. अपनी इच्छा से किसी को चुनने वालों को भय के माहौल में नहीं रहना चाहिए. कोई भी इच्छा को कानून के चारों तरफ नहीं रह सकता लेकिन सभी को अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार के तहत कानून के दायरे में रहने का अधिकार है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट जानवरों के साथ संबंध बनाने के मामले की सुनवाई नहीं करेगा जो कि इसी धारा के तहत अपराध माना गया है.
  • Filmy | Written by: पूजा साहू |सोमवार सितम्बर 4, 2017 05:20 PM IST
    'बिग बॉस' की कंटेस्टेंट रह चुकीं एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग (शादी के बाद पाखी शर्मा)  ने अपने पति रमणीक शर्मा पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनने और शराब के नशे में मारपीट संबंधी कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
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