इंडिया सात बजे: भेदभाव मौलिक अधिकारों का हनन- SC

  • 10:38
  • प्रकाशित: सितम्बर 06, 2018
सिनेमा व्‍यू
Embed
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि धारा 377 (Section 377) ‘अप्राकृतिक अपराधो’ से संबंधित है ओर इसमें कहा गया है कि जो कोई भी स्वैच्छा से प्राकृतिक व्यवस्था के विपरीत किसी पुरूष, महिला या पशु के साथ गुदा मैथुन करता है तो उसे उम्र कैद या फिर एक निश्चित अवधि के लिये कैद जो दस साल तक बढ़ाई जा सकती है, की सजा होगी और उसे जुर्माना भी देना होगा. शीर्ष अदालत ने हालांकि अपनी व्यवस्था में कहा कि धारा 377 में प्रदत्त पशुओं ओर बच्चों से संबंधित अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने वाले प्रावधान यथावत रहेंगे. असहमति या जबरन बनाए गए संबंध इस धारा के तहत अपराध बने रहेंगे.

संबंधित वीडियो

'NDTV युवा' में धारा 377 पर यह बोले बाबा रामदेव
सितंबर 16, 2018 04:41 PM IST 1:08
हमलोग: ट्रांसजेडर्स के लिए काफ़ी कुछ किया जाना बाकी
सितंबर 09, 2018 08:00 PM IST 33:52
प्राइम टाइम इंट्रो: सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ का ऐतिहासिक फैसला
सितंबर 06, 2018 09:00 PM IST 9:23
प्राइम टाइम: भारत में समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं
सितंबर 06, 2018 09:00 PM IST 26:48
समलैंगिक संबंधों को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
सितंबर 06, 2018 08:34 PM IST 1:47
रणनीति: समलैंगिकता अब कोई अपराध नहीं
सितंबर 06, 2018 08:00 PM IST 16:56
न्यूज टाइम इंडिया: सुप्रीम कोर्ट ने कहा समलैंगिक संबंध अपराध नहीं
सितंबर 06, 2018 07:30 PM IST 13:01
बड़ी खबर: समलैंगिक संबंध अपराध नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सितंबर 06, 2018 06:00 PM IST 22:02
धारा 377 पर आए फैसले का लोगों ने किया स्वागत
सितंबर 06, 2018 04:30 PM IST 6:51
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोलकाता में खुशी से झूम उठे एलजीबीटी कार्यकर्ता
सितंबर 06, 2018 01:13 PM IST 3:55
धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- समलैंगिकता अपराध नहीं
सितंबर 06, 2018 09:20 AM IST 3:59
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination