Sanjaya Barua
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असम, पूर्वोत्तर भारत और विभाजन की अधूरी कहानी
- Sunday December 22, 2019
दुनिया के बहुत कम क़ानून इतने भव्य हैं जितना कि मैग्ना कार्टा. यह 800 साल पुराना दस्तावेज़ ही उस विचार को स्थापित करने के लिए ज़िम्मेदार है जिसे हम आज "विधि-शासन" या फिर 'रूल ऑफ लॉ' के नाम से जानते हैं. अपने मौलिक रूप मे यह दस्तावेज़ केवल एक आश्वासन ही था. जैसा कि इतिहासकार जिल लेपोर का कहना है. इस नियम से ये आश्वासन था कि राजा जब चाहे तब, केवल अपनी इच्छानुसार लोगों को कटघरे में न डाल पाएं. बहुत समय बाद ही इस आश्वासन को जनाधिकार का रूप मिला. इतने भव्य नामकरण वैसे तो विधि विधान के इतिहास में कम ही मिलते है परंतु संभवतः साधारण नाम वाले क़ानून भी एक देश के जनव्यापक विचार-विमर्श में भीषण बदलाव ला सकते हैं.
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ndtv.in
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दुनिया के बहुत कम क़ानून इतने भव्य हैं जितना कि मैग्ना कार्टा. यह 800 साल पुराना दस्तावेज़ ही उस विचार को स्थापित करने के लिए ज़िम्मेदार है जिसे हम आज "विधि-शासन" या फिर 'रूल ऑफ लॉ' के नाम से जानते हैं. अपने मौलिक रूप मे यह दस्तावेज़ केवल एक आश्वासन ही था. जैसा कि इतिहासकार जिल लेपोर का कहना है. इस नियम से ये आश्वासन था कि राजा जब चाहे तब, केवल अपनी इच्छानुसार लोगों को कटघरे में न डाल पाएं. बहुत समय बाद ही इस आश्वासन को जनाधिकार का रूप मिला. इतने भव्य नामकरण वैसे तो विधि विधान के इतिहास में कम ही मिलते है परंतु संभवतः साधारण नाम वाले क़ानून भी एक देश के जनव्यापक विचार-विमर्श में भीषण बदलाव ला सकते हैं.
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